लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास को मंजूरी
सरकार ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) के विकास को स्वीकृति प्रदान की है. यह स्वीकृति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 अक्तूबर को दी थी. इस पहल का उद्देश्य भारत की व्यापक समुद्री विरासत को प्रतिष्ठित करना और उसे पुनः स्थापित करना है, जो 4,500 वर्षों से अधिक पुरानी है.
मुख्य बिन्दु
- राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) का विकास परिसर को केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के नेतृत्व में किया जाएगा. परिसर को गुजरात राज्य सरकार के सहयोग से सागरमाला परियोजना के तहत विकसित किया जाएगा.
- पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय (MOPSW) ने NMHC के कार्यान्वयन की देखरेख के लिए भारतीय बंदरगाह संघ को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया है, जबकि भारतीय बंदरगाह रेल निगम लिमिटेड (IPRCL) कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगी.
- NMHC को दुनिया के सबसे बड़े समुद्री परिसरों में से एक बनाने की परिकल्पना की गई है. इस परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा.
- यह केंद्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और यह हमारे अतीत, वर्तमान व भविष्य के समुद्री प्रयासों को एकीकृत करेगा.
- NMHC एक बहुआयामी परियोजना है, जिसमें कई प्रमुख घटक होंगे. इसमें 14 दीर्घाओं वाला एक संग्रहालय, लोथल टाउन और ओपन एक्वेटिक गैलरी, एक लाइटहाउस संग्रहालय, एक बगीचा परिसर, कोस्टल स्टेट पवेलियन तथा लोथल शहर का पुनर्निर्माण शामिल है.
- इस महत्वाकांक्षी कार्य योजना का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण रूप से रोजगार के अवसर सृजित करना और स्थानीय व्यवसायों को पुनर्जीवित करना भी है.
- गुजरात सरकार ने परियोजना के विकास के लिए 400 एकड़ भूमि आवंटित की है और वह बाह्य अवसंरचना तथा बुनियादी आंतरिक अवसंरचना के कुछ भाग को बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है.
लोथल: एक दृष्टि
- लोथल सिंधु घाटी सभ्यता का एकमात्र ज्ञात बंदरगाह शहर है. यह 4500 साल पुराना पुरातात्विक स्थल भोगवा नदी के किनारे स्थित है, जो साबरमती नदी की सहायक नदी है.
- इसकी खोज 1952 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पुरातत्वविद् एसआर राव ने की थी. यह अहमदाबाद जिले के धोलका तालुका में आता है और यह राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 47 तथा राज्य राजमार्ग संख्या 8 के निकट स्थित है.
- लोथल एक ऐसा नाम है, जो दो गुजराती शब्दों ‘लोथ’ तथा ‘थल’ को जोड़ता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘मृतकों का टीला’ और यह ऐतिहासिक महत्व से काफी समृद्ध रहा है.’
- यह प्राचीन शहर 2400 ईसा पूर्व का है और सिंधु घाटी सभ्यता के व्यापारिक बंदरगाह के रूप में विकसित हुआ था.