भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (IGC) की सातवीं बैठक नई दिल्ली में आयोजित

भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (IGC) की सातवीं बैठक (7th India-Germany Inter-Governmental Consultations) 24-26 अक्तूबर तक दिल्ली में आयोजित की गई थी. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्‍ज इस बैठक में भाग लेने के लिए 24-26 अक्तूबर तक भारत के तीन दिन के दौरे पर थे. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और चांसलर शोल्‍ज ने इस बैठक की सह-अध्‍यक्षता की थी.

मुख्य बिन्दु

  • IGC (Intergovernmental Consultations) एक पूर्ण सरकारी मंच है, जिसके अंतर्गत दोनों पक्षों के मंत्री अपने अधीन क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं और इसकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री और चांसलर को देते हैं. भारत और जर्मनी के बीच अंतर सरकारी परामर्श 2011 में स्थापित किया गया था.
  • 7वीं अंतरसरकारी परामर्श बैठक के समापन के बाद दोनों नेताओं द्वारा एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया. दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि प्रौद्योगिकी और नवाचार, श्रम और प्रतिभा, प्रवासन और गतिशीलता, जलवायु कार्रवाई, हरित और सतत विकास, और आर्थिक, रक्षा और रणनीतिक सहयोग दोनों देशों के बीच संबंधों को परिभाषित करेंगे.
  • ओलाफ स्कोल्ज़ के भारत यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों के बीच कई समझौतों और समझौता ज्ञापन (MOU) पर भी हस्ताक्षर किये गये.
  • ये MOU, पारस्परिक कानूनी सहायता संधि, सूचना के आदान-प्रदान, इंडो-जर्मन ग्रीन हाइड्रोजन रोड मैप, नवाचार और प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, अनुसंधान और विकास में सहयोग, इंडो-जर्मन ग्रीन अर्बन मोबिलिटी, रोजगार और श्रम के क्षेत्र में हुए.
  • जर्मन चांसलर ने घोषणा की कि जर्मनी कुशल भारतीयों को दिए जाने वाले वीज़ा को 20,000 से बढ़ाकर 90,000 प्रति वर्ष करेगा.
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