23वीं एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की बैठक

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शासनाध्यक्ष परिषद (CHG) की 23वीं बैठक 15 और 16 अक्टूबर 2024 को इस्लामाबाद में पाकिस्तान की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी.

SCO CHG की 23वीं बैठक: मुख्य बिन्दु

  • SCO शासनाध्यक्ष परिषद (काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट-CHG) की बैठक सालाना आयोजित की जाती है और इसमें संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. SCO CHG की 23वीं बैठक की मेजबानी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ ने की थी.
  • विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की 2015 की यात्रा के बाद यह किसी भारतीय मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा थी.
  • सुषमा स्वराज ने दिसंबर 2015 में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद, पाकिस्तान का दौरा किया था.
  • भारत ने बैठक के अंत में जारी संयुक्त विज्ञप्ति में उल्लिखित चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) का समर्थन करने से इनकार कर दिया. इस परियोजना में चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) एक हिस्सा है.
  • CPEC एक व्यापार और कनेक्टिविटी परियोजना है जो चीन के झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह और कराची बंदरगाह से जोड़ेगा.
  • यह परियोजना, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है और भारत ने इस कारण से हमेशा इस परियोजना का विरोध किया है.
  • भारत का मानना है की यह परियोजना उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करती है क्योंकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत अपना अभिन्न अंग बताता है.
  • डॉ. जयशंकर ने यह भी कहा कि क्षेत्र में व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए गठित SCO को तीन बुराइयों: आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. सीमा पार आतंकवाद और उग्रवाद का समर्थन व्यापार, ऊर्जा प्रवाह और कनेक्टिविटी में बाधा डालता है.

SCO CHG की 23वीं बैठक में प्रतिभागी

23वीं SCO CHG (शासनाध्यक्ष परिषद) की बैठक में रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन, चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग, बेलारूसी प्रधानमंत्री रोमन गोलोवचेंको, ताजिक प्रधानमंत्री कोहिर रसूलज़ोदा, कज़ाख प्रधानमंत्री ओलज़स बेक्टेनोव, किर्गिज़ प्रधानमंत्री अकिलबेक जापारोव, उज़्बेक प्रधानमंत्री अब्दुल्ला ने भाग लिया. भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर. ईरान का प्रतिनिधित्व व्यापार और उद्योग मंत्री सैय्यद मुहम्मद अताबक ने किया था.

इस बैठक में अफगानिस्तान को आमंत्रित नहीं किया गया था, क्योंकि SCO में उसका पर्यवेक्षक का दर्जा 2021 से निलंबित है. एससीओ का कोई भी देश अफगानिस्तान में वर्तमान तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता है.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि

  • शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है जो जून 2001 में ‘शंघाई फाइव’ (Shanghai Five) के विस्तार के बाद अस्तित्व में आया था.
  • ‘शंघाई फाइव’ का गठन रूस, चीन, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान ने साथ मिलकर वर्ष 1996 में किया था.
  • वर्तमान में विश्व के 8 देश (कजाकिस्तान, चीन, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत, पाकिस्तान, ईरान और बेलारूस) SCO के सदस्य हैं. SCO का मुख्यालय बीजिंग में है.
  • मंगोलिया और अफगानिस्तान (2021 से निलंबित) SCO में पर्यवेक्षक (Observer) के रूप में शामिल हैं.
  • SCO के दो मुख्य निकाय हैं- SCO राष्ट्राध्यक्ष परिषद और SCO शासनाध्यक्ष परिषद. SCO राष्ट्राध्यक्ष परिषद के प्रमुखों और SCO शासनाध्यक्षों की परिषद की अध्यक्षता रूसी वर्णमाला के अनुसार सदस्य देशों के बीच सालाना बारी-बारी से आयोजित की जाती है.
  • SCO राष्ट्राध्यक्ष की परिषद एससीओ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है. भारतीय प्रधान मंत्री इसमें भाग लेते हैं.
  • 24वीं एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक जुलाई 2024 को अस्ताना, कजाकिस्तान में आयोजित की गई थी, और 25वीं एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक 2025 में चीन में आयोजित की जाएगी.
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