16वां ब्रिक्स सम्मेलन रूस के कज़ान में आयोजित किया गया
16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (16th BRICS Summit) रूस के कज़ान में 22-23 अक्तूबर को आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन की मेजबानी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बैठक की थी. इसका विषय ‘निष्पक्ष वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ था.
16वां ब्रिक्स सम्मेलन: मुख्य बिन्दु
- रूसी राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन द्वारा आयोजित शिखर बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, इथियोपिया के राष्ट्रपति अबी अहमद, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने भाग लिया.
- सऊदी अरब का प्रतिनिधित्व उसके विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने किया और ब्राजील का प्रतिनिधित्व उसके विदेश मंत्री मौरो लुइज़ इकर विएरा ने किया.
- बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस और न्यू डेवलपमेंट की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ भी शामिल हुईं.
- 13 देशों को ब्रिक्स का भागीदार देश बनाया गया, हालाँकि वे ब्रिक्स के पूर्ण सदस्य नहीं हैं. ये देश हैं अफ्रीका के अल्जीरिया, युगांडा, नाइजीरिया, यूरोप से बेलारूस और तुर्किये, लैटिन अमेरिकी देश बोलीविया, क्यूबा और एशियाई देश इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, मलेशिया, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान और वियतनाम.
- सम्मेलन के अंत में एक संयुक्त घोषणा जारी की गई जिसका शीर्षक ‘कज़ान घोषणापत्र वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ था.
- कज़ान घोषणापत्र में ब्रिक्स देशों को सदस्य देशों के बीच वित्तीय लेनदेन निपटाने में स्थानीय मुद्राओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किए जाने की बात कही गई है.
पहली ब्रिक्स आउटरीच/ब्रिक्स प्लस संवाद
- 16वीं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान 24 अक्टूबर 2024 को पहली ब्रिक्स प्लस/आउटरीच संवाद (BRICS Plus/Outreach Dialogue) आयोजित किया गया था. इस बैठक की मेजबानी भी रूसी राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन ने की थी.
- ब्रिक्स आउटरीच से तात्पर्य उन देशों से है जो ब्रिक्स के सदस्य नहीं हैं लेकिन भविष्य में इसमें शामिल होने के इच्छुक हैं.
- ब्रिक्स आउटरीच/ब्रिक प्लस संवाद का विषय था ‘ब्रिक्स और ग्लोबल साउथ: एक साथ मिलकर एक बेहतर दुनिया का निर्माण.’
- ब्रिक्स आउटरीच बैठक में एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका के 36 देशों ने भाग लिया. 22 देशों का प्रतिनिधित्व उनके राष्ट्राध्यक्षों ने किया और अन्य देशों का प्रतिनिधित्व उनके विदेश मंत्रियों ने किया. भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने किया था.
द्विपक्षीय वार्ता
- 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 21-23 अकतूबर तक रूस की यात्रा पर थे.
- अपनी यात्रा के दौरान श्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं.
- श्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं.
- श्री पुतिन के साथ बैठक में श्री मोदी ने संबंधित मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान में सहायता करने को तैयार है.
- श्री मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन के बीच भी बैठक हुई. दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की.
चीन के राष्ट्रपति षी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अक्तूबर को रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन के अवसर पर चीन के राष्ट्रपति षी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी.
- प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच पिछले पांच वर्षों में यह पहली सुनियोजित बैठक थी. आखिरी बार दोनों नेताओं की मुलाकात नवंबर 2019 में ब्रासीलिया,ब्राज़ील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हुई थी.
- दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधि सीमा मुद्दों को हल करने के लिए शीघ्र मिलेंगे.
- दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त पर अपने देशों के बीच समझौते का स्वागत किया.