सुप्रीम कोर्ट के ध्वज और प्रतीक चिन्ह का अनावरण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 1 सितंबर 2024 को सर्वोच्च न्यायालय के ध्वज और प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया. सर्वोच्च न्यायालय के 75वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में आयोजित जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान नए झंडे का अनावरण हुआ.
मुख्य बिन्दु
- सर्वोच्च कोर्ट के नए झंडे पर संस्कृत भाषा में ‘यतो धर्मस्य ततो जय’ लिखा हुआ है. जिसका अर्थ है ‘जहां धर्म है वही विजय है.
- इस झंडे के सबसे ऊपर अशोक चक्र, बीच में सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग और सबसे नीचे संविधान की किताब है.
- इस नए ध्वज और प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल क्रॉस टेबल फ्लैग, सिंगल टेबल फ्लैग, कार फ्लैग, पोल फ्लैग और वुडन फ्रैम में भी किया जाएगा.
- इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए अदालतों में ‘स्थगन की संस्कृति’ को बदलने के प्रयास किए जाने की जरूरत है.
भारत का सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India): एक दृष्टि
भारत के सर्वोच्च न्यायालय को 1937 में भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत भारत के संघीय न्यायालय के रूप में स्थापित किया गया था.
26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के बाद संघीय न्यायालय को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में परिवर्तित कर दिया गया. भारत का सर्वोच्च न्यायालय 28 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया.
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कुल 34 न्यायाधीश होते हैं जिनमें एक मुख्य न्यायाधीश और 33 अन्य न्यायाधीश शामिल हैं. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं.