प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की सिंगापुर यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3-5 सितम्बर तक ब्रुनेई और सिंगापुर की यात्रा पर थे. इस यात्रा के दूसरे चरण में वे 4-5 सितम्बर को सिंगापुर यात्रा पर थे. 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की यह 5वीं सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा थी.

मुख्य बिन्दु

  • ब्रुनेई की अपनी सफल यात्रा के समापन के बाद श्री मोदी सिटी सिंगापुर पहुंचे थे.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वांग के साथ वार्ता की. इस बैठक के दौरान द्विपक्षीय सहयोग को गहरा और व्यापक बनाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी से ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाने पर सहमत हुए.
  • दोनों देशों के बीच चार क्षेत्रों में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए. ये समझौता सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में सहयोग, डिजिटल प्रौद्योगिकियों में सहयोग, कौशल विकास में सहयोग और शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में क्षेत्रों में हुए.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करने के लिए सिंगापुर में दुनिया का पहला तिरुवल्लुवर संस्कृति केंद्र स्थापित करने की घोषणा की.
  • तिरुवल्लुवर एक तमिल कवि-संत थे और तिरुक्कुरल (“पवित्र दोहे”) के रचियाता थे, जिसका तमिल संस्कृति पर अत्यधिक प्रभाव है.
  • सिंगापुर की लगभग 74 प्रतिशत आबादी चीनी मूल की है और दूसरा सबसे बड़ा जातीय समूह मलय मूल की है. भारतीय मूल के लोग, सिंगापुर में तीसरी सबसे बड़ी जातीय आबादी है और वे सिंगापुर की आबादी का लगभग नौ प्रतिशत है. भारतीयों में से अधिकांश तमिल हैं.

भारत-सिंगापुर व्यापारिक संबंध

  • सिंगापुर आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्‍यापार भागीदार है और यह प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत है. इसके अलावा सिंगापुर दुनियाभर में भारत का छठा सबसे बड़ा व्‍यापार भागीदार है.
  • सेमीकंडक्‍टर के क्षेत्र में सिंगापुर के पास बीस वर्षों से अधिक का अनुभव है और यह इस क्षेत्र में पहले से ही भारत में काम कर रहा है.
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