भारत ने वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज मिसाइल ‘VL-SRSAM’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया
भारत ने 12 सितंबर 2024 को वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल (VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. परीक्षण के दौरान, कम ऊंचाई पर उड़ रहे एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया.
यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा तट के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में किया गया था.
VL-SRSAM मिसाइल: मुख्य बिन्दु
- VL-SRSAM (Vertical Launch Short Range Surface to Air Missile) मिसाइल को DRDO ने विकसित किया है. इसका निर्माण केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी भारत डायनेमिक लिमिटेड द्वारा किया जाएगा. स्वदेश निर्मित यह मिसाइल, इजरायली बराक-1 मिसाइल की जगह लेगी.
- VL-SRSAM एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत से प्रक्षेपित किया जा सकता है.
- यह मिसाइल हर मौसम में काम करने वाली, अगली पीढ़ी की मिसाइल है जो सुपरसोनिक समुद्री-स्किमिंग विमान, मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और मिसाइलों जैसे खतरों के खिलाफ रक्षा प्रदान करेगी.
- इस मिसाइल का व्यास 178 मिलीमीटर, लंबाई 3,931 मिलीमीटर तथा वजन 170 किलोग्राम है. मिसाइल की मारक क्षमता 50 किलोमीटर तक है.
डीआरडीओ (DRDO): एक दृष्टि
- रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के अंतर्गत एक संगठन है. यह सैन्य अनुसन्धान तथा विकास से सम्बंधित कार्य करता है. DRDO का मुख्यालय दिल्ली स्थित है. इसकी स्थापना 1958 में हुई थी.
- DRDO का आदर्श वाक्य ‘बलस्य मूलं विज्ञानं’ है. वर्तमान में DRDO के चेयरमैन डॉ समीर वी कामथ हैं. पूरे देश में DRDO की 52 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है.