बांग्लादेश में तख्तापलट: शेख हसीना का इस्तीफा, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार
बांग्लादेश में कई हफ्तों से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद 5 अगस्त 2024 को सत्ता पर सेना ने कब्जा कर लिया. जिसकारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा के साथ देश छोड़कर जाना पड़ा.
घटनाक्रम: एक दृष्टि
- बांग्लादेश में 4 अगस्त को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और 13 पुलिसकर्मियों समेत कम-से-कम 94 लोग मारे गए थे. इसके बाद पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया इस हिंसा के बाद विरोध और भड़क उठा.
- 5 अगस्त को हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के बावजूद ढाका में शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके सरकारी आवास पहुँच गए.
- आखिरकार शेख हसीना ने ना सिर्फ इस्तीफा दिया बल्कि देश छोड़कर भारत में शरण लेना पड़ा. वह 5 अगस्त को ढाका से नई दिल्ली के पास स्थित भारतीय वायु सेना के हिंडन एयरफोर्स बेस पहुंची थीं.
- बांग्लादेश में छात्रों ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने की मांग को लेकर जुलाई में प्रदर्शन शुरू किया था. बांग्लादेश की स्वतंत्रता मुक्तियुद्ध में हिस्सा लेने वाले मुक्तियोद्धाओं के परिवारों के लिए एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त करना चाहते थे.
- 21 जुलाई को बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा को घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला सुनाया. मगर छात्र इससे संतुष्ट नहीं हुए और वह इस आरक्षण को पूरी तरह समाप्त करने की मांग करते रहे.
बांग्लादेश संसद भंग, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार
- बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद को भंग कर दिया. उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया.
- इसका निर्णय ढाका में बंगभवन में तीनों सेनाओं के प्रमुखों और छात्र आंदोलन के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की बैठक में लिया गया.
- मोहम्मद यूनुस ने ग्रामीण बैंक के माध्यम से गरीबी विरोधी अभियान के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता था.
खालिदा जिया जेल से रिहा
शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया गया. उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
शेख हसीना बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम के प्रधान नेता तथा बांग्लादेश सरकार के प्रथम राष्ट्रपति राष्ट्रीय जनक बंगबन्धु शेख मुजीबुर्रहमान की पुत्री हैं.