29 जुलाई: अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस, भारत में बाघों की स्थिति पर मुख्य तथ्य
प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) मनाया जाता है. यह दिवस बाघ और उनके प्राकृतिक परिवास के सरंक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक सम्मेलन में प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया गया था. इस सम्मेलन में बाघों को लुप्तप्राय प्रजाति करार दिया था. उस समय 2022 तक बाघ की आबादी को दोगुना करने का भी लक्ष्य रखा गया था. भारत ने इस टारगेट को 2018 में ही हासिल कर लिया था. 2018 में भारत में बाघों की संख्या 2967 से ज्यादा हो चुकी थी.
World Wildlife Fund के अनुसार पिछले 150 सालों में बाघों की आबादी में लगभग 95 प्रतिशत की गिरावट आई है. मौजूदा समय में जिन गिने-चुने देशों में बाघ अभी बाकी हैं, उनमें भारत सबसे ऊपर है. इसके बाद रूस है जहां पर 433 बाघ हैं. इसके बाद का इंडोनेशिया जहां 371, मलेशिया में 250, नेपाल में 198 बाघ ही जिंदा हैं.
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2024 का विषय
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2024 का विषय- ‘कार्रवाई का आह्वान’ (Call for Action) है. यह पृथ्वी पर लुप्तप्राय बाघ प्रजातियों को बचाने के लिए वैश्विक समुदाय के ठोस प्रयास के महत्व पर प्रकाश डालता है.
भारत में बाघों की स्थिति: मुख्य तथ्य
- भारत सरकार ने देश में बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए 1973 में प्रॉजेक्ट टाइगर शुरू किया था.
- 1973-74 में देश में केवल 9 बाघ अभयारण्य थे और अब इनकी संख्या बढकर 51 हो गई है. दुनिया में बाघों की कुल संख्या के मामले में भारत पहले स्थान पर है.
- पर्यवारण मंत्रालय ने 2005 में नैशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) का गठन किया था. प्रॉजेक्ट टाइगर के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी NTCA सौंपी गई थी.
- दुनिया में बाघों की कुल संख्या में से करीब 70 प्रतिशत भारत में हैं. भारत में बाघों की जनसंख्या का 80 प्रतिशत रॉयल बंगाल टाइगर है.
- बाघ, भारत और बांग्लादेश दोनों का राष्ट्रीय पशु है.
बाघ आकलन रिपोर्ट-2023
- विश्व बाघ दिवस 2023 के अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने एक रिपोर्ट जारी की थी.
- इस रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में विश्व में बाघों की कुल संख्या का लगभग 75 प्रतिशत भारत में है.
- भारत में बाघों की आबादी 6.1 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 3925 होने का अनुमान है.
- बाघों की सबसे बड़ी आबादी मध्य प्रदेश में पाई गई है, जिनकी संख्या 785 है वहीं कर्नाटक में 563 उत्तराखंड में, 560 और महाराष्ट्र में 444 बाघ है.
- बाघ अभ्यारण के भीतर बाघों की संख्या सबसे अधिक 260 कोरबेट में है इसके बाद बांदीपुर में 150 और नागर हॉल में 141 बाघ है.