असम का मोइदाम भारत का 43वां यूनेस्को विरासत स्थल बना
असम के मोइदाम (Moidams of Assam) को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची की सांस्कृतिक श्रेणी में शामिल किया गया है. यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल होने वाला भारत का 43वां स्थल (43rd UNESCO Heritage Site of India) है. नई दिल्ली में आयोजित विश्व धरोहर समिति की बैठक में मोइदाम को शामिल करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया.
मुख्य बिन्दु
- मोइदाम ईंट, पत्थर के लगभग 700 साल पुराने खोखले तहखाना हैं. इनमें ताई-अहोम के राजाओं और राजघरानों के सदस्यों के अवशेष हैं.
- मोइदम्स विश्व धरोहर सूची में शामिल होने वाला पूर्वोत्तर का तीसरा धरोहर स्थल और पहला सांस्कृतिक स्थल है. दो अन्य काजीरंगा और मानस हैं जिन्हें प्राकृतिक विरासत श्रेणी के अंतर्गत अंकित किया गया था.
- यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल विरासत को सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित श्रेणियों में वर्गीकृत करता है. यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में सबसे अधिक 59 स्थल इटली के हैं, इसके बाद 57 स्थलों के साथ चीन का स्थान है. भारत 43 स्थलों के साथ छठे स्थान पर है.
- 1983 में अजंता गुफा, एलोरा गुफा, आगरा स्थित ताज महल और आगरा का किला, यूनेस्को की सूची में शामिल होने वाले पहले भारतीय स्थल थे.