1 जून: विश्व दुग्ध दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस आर्थिक विकास, आजीविका और पोषण में दुग्ध उत्पादों के महत्वपूर्ण योगदान के प्रति लोगों में जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन दुनिया भर में विभिन्न अभियानों और रैलियों के द्वारा दूध के महत्ता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाया जाता है.
विश्व दूध दिवस 2024 की थीम
इस वर्ष यानी 2024 के विश्व दूध दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘डेयरी और लोगों को स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने में इसकी भूमिका’ (dairy (milk and other milk products) and its role in giving people the nutrients they need to stay healthy) है.
दूध में पाए जाने वाले मुख्य पोषक तत्व
दूध में कैल्सियम, मैगनिशियम, जिंक, फॉसफोरस, ऑयोडीन, आइरन, पोटेशियम, फोलेट्स, विटामिन A, विटामिन D, राइबोफ्लेविन, विटामिन B12, प्रोटीन, वसा आदि मौजूद होता है.
विश्व दुग्ध दिवस का इतिहास
विश्व दुग्ध दिवस को मनाये जाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने किया था. पूरे विश्व में पहली बार विश्व दुग्ध दिवस 2001 में मनाया गया था.
खाद्य व कृषि संगठन (FAO)
FAO की स्थापना 16 अक्टूबर, 1945 को की गयी थी. इसका मुख्यालय इटली के रोम में है. संयुक्त राष्ट्र के सभी 194 सदस्य FAO के भी सदस्य हैं. यह संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामजिक परिषद् के अधीन कार्य करती है.
26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है
भारत में 26 नवंबर को वर्गीज कुरियन के जन्मदिन पर राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) मनाता है. कुरियन को भारत में दुग्ध क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है. देश में दूध के उत्पादन में वृद्धि के लिए 1970 में उनके नेतृत्व में ऑपरेशन फ्लड (Operation Flood) शुरू किया गया था.