50वां G-7 शिखर सम्‍मेलन इटली आयोजित किया गया, IMEC परियोजना के लिए सहमति

50वां G-7 शिखर सम्‍मेलन (50th G7 summit) 13 से 15 जून 2024 तक इटली के अपूलिया में आयोजित किया गया था. बैठक में जी 7 के सदस्य देशों संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो, यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, और मेजबान इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने भाग लिया.

मुख्य बिन्दु

  • जी 7 शिखर बैठक में सदस्य देशों ने रूसी आक्रमण के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन का समर्थन किया. शिखर सम्मेलन के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ एक 10-वर्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए.
  • समझौते के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका यूक्रेन को आधुनिक हथियार और गोला-बारूद प्रदान करेगा, लेकिन वह यूक्रेन में अमेरिकी सेना भेजकर रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन की मदद नहीं करेगा.
  • G7 देश रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद जब्त की गई रूसी संपत्तियों से ब्याज का उपयोग करके यूक्रेन को 50 बिलियन डॉलर का ऋण प्रदान करने पर भी सहमत हुए.
  • अगली 51वीं शिखर बैठक 2025 में कैनानास्किस, अल्बर्टा, कनाडा में आयोजित की जाएगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने आउटरीच सत्र में भाग लिया

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया था. इस शिखर सम्मेलन में भारत की 11वीं और श्री मोदी की लगातार पांचवीं भागीदारी थी.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था.
  • सम्मेलन से अलग श्री मोदी ने जी-7 देश के नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें की थी.
  • प्रधानमंत्री  मोदी ने इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक के साथ चर्चा की.

आउटरीच सत्र क्या है?

  • जी 7 मेजबान देश को आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए अन्य देशों या बहुपक्षीय संस्थानों को आमंत्रित करने का अधिकार है जहां किसी विशेष मुद्दे या कई वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाती है.
  • G7 के आउटरीच सत्र में भाग लेने का निमंत्रण पाने वाले पहले भारतीय प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (वर्ष 2003) थे.
  • इस बार (2024 में), इटली ने अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, भारत, जॉर्डन, केन्या, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया, तुर्किये और UAE को आमंत्रित किया था. इन देशों के अलावा अफ्रीकी विकास बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन, संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया था.

IMEC परियोजना के लिए सहमति

  • शिखर सम्मेलन में G-7 देशों ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) जैसी विशिष्ट अवसंरचना परियोजना के लिए अपनी सहमति जताई.
  • दिल्ली में भारत द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान IMEC ढांचे को अंतिम रूप दिया गया था. इस पहल का उद्देश्य एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिमी देशों के बीच एकीकरण को बढ़ावा देना है.
  • IMEC की योजना सऊदी अरब, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप को जोड़ने वाली सड़कों, रेलवे और शिपिंग मार्गों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित करने की है.
  • विशेष रूप से इसे चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) के जवाब में IMEC को सहयोगी देशों द्वारा अपने रणनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है.
  • BRI चीन की एक प्रमुख अवसंरचना परियोजना है जो दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, रूस और यूरोप को चीन से जोड़ती है.

G7 संगठन: तथ्यों पर एक दृष्टि

G7 सात सबसे अधिक औद्योगिकीकरण वाले लोकतांत्रिक देशों का एक अनौपचारिक समूह है. जी 7 समूह, 1973 के अरब इजरायली युद्ध के बाद अरब देशों द्वारा कच्चे पेट्रोलियम तेल की कीमतों में वृद्धि के बाद फ्रांस की पहल पर बनाया गया था. G7  में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमरीका सदस्य देश हैं.

गठन: वर्ष 1975 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति वैलेरी जिस्कार्ड डी एस्टेइंग के आह्वान पर विश्व के सर्वाधिक औद्योगीकृत, लोकतांत्रिक एवं गैर-समाजवादी 6 राष्ट्रों- फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, एवं जापान ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक बैठक का आयोजन किया जिसमें इस समूह का गठन हुआ.

कनाडा सदस्य बना: वर्ष 1976 में कनाडा को इस समूह में शामिल कर लिया गया. कनाडा की सहभागिता के पश्चात यह समूह ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा.

रूस सदस्य बना: वर्ष 1994 में ‘G7’ में रूस के शामिल होने से यह समूह ‘G8’ के नाम से जाना गया.

रूस निलंबित: 27 मार्च, 2014 को इस संगठन से रूस को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया. अब यह समूह पुनः ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा है.

मुख्यालय: ‘G7’ एक अनौपचारिक संगठन है जिसका कोई मुख्यालय अथवा सचिवालय नहीं है. इसके अध्यक्ष का चयन रोटेशन प्रणाली के आधार पर होता है.

अर्थशास्त्र: ‘G7’ देश में विश्व की जनसंख्या का 10.3% लोग रहते हैं. सदस्य देशों की GDP विश्व के GDP का 32.2% है, जबकि विश्व के निर्यात में 34.1% तथा आयात में 36.7% हिस्सा है.

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