1 दिसम्बर: विश्व एड्स दिवस

प्रत्येक वर्ष 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है. यह दिवस इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मानाया जाता है.
दुनियाभर में कुल 3.8 करोड़ लोग HIB की चपेट में हैं. HIB एड्स एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती है जिसे 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है.

इस वर्ष यानी 2021 के विश्व एड्स दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘असमानताओं को समाप्त करें। एड्स समाप्त करें’ (End inequalities. End AIDS) है.

सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरूआत अगस्त 1987 में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के एड्स की जागरुकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के दो व्यक्तियों ने की थी. 1988 से यह दिवस प्रत्येक वर्ष मानया जा रहा है.

एड्स क्या है?

एड्स, मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (HIV) से फैलने वाली बीमारी है. इसका इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है, लेकिन इससे बचाव संभव है. असुरक्षित यौन संबंध इसकी सबसे बड़ी वजह है. कुछ सावधानियां बरती जाए तो इसे रोका जा सकता है.

इस बीमारी में HIV वायरस व्यक्ति के प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को प्रभावित करता है. HIV संक्रमण बढ़ता चला जाए तो यह एड्स में बदल जाता है.

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के अनुसार वर्ष 2019 में विश्‍वभर में 3.8 करोड लोग HIV से संक्रमित थे. भारत में इस वक्त करीब 21 लाख लोग HIB से संक्रमित है. पिछले एक दशक में भारत में HIB एड्स के नये संक्रमण के मामलों में करीब सत्तर फीसद की कमी आई है. भारत ने वर्ष 1992 में राष्‍ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की थी.

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