RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4 जून से 6 जून तक मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी.
रेपो अब 5.75 प्रतिशत
RBI ने इस समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है. इस कटौती के बाद अब रेपो रेट 6.00% से घटकर 5.75% हो गया है. RBI की इस समीक्षा बैठक में सभी 6 सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती का पक्ष लिया. RBI ने लगातार तीसरी बार रीपो रेट में कटौती की है. इससे पहले अप्रैल 2019 को RBI ने रेपो रेट को 0.25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6.25% से 6.00% किया था. रेपो रेट वह रेट होता है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है.
रिवर्स रेपो और बैंक दर में भी कमी
इस बैठक में RBI ने रिवर्स रेपो रेट को 5.75 से घटाकर 5.50% कर दिया है. यह वह रेट है जिस पर बैंकों को RBI में जमा किए गए धन पर ब्याज मिलता है. इस बैठक में RBI ने बैंक रेट को 6.25 से घटा कर 6 प्रतिशत किया है. हालांकि CRR में कोई कटौती नहीं की गई है.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये GDP वृद्धि का पूर्वानुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7.0 प्रतिशत कर दिया है.
मुद्रास्फीति का अनुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में खुदरा मुद्रास्फीति का संशोधित अनुमान घटाकर 2.40% कर दिया है. वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही (अप्रैल-सितम्बर) के लिये खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 3% से 3.10% और वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के लिये 3.40% से 3.70% कर दिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
- भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
- RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
- पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर | 5.75% |
प्रत्यावर्तनीय रिपो दर | 5.50% |
सीमांत स्थायी सुविधा दर | 6% |
बैंक दर | 6% |
CRR | 4% |
SLR | 19% |
RTGS और NEFT के जरिये धन अंतरण पर लगने वाले शुल्क समाप्त करने की घोषणा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने RTGS और NEFT के जरिये धन अंतरण के लिए बैंकों पर लगने वाले शुल्क समाप्त करने की 6 जून को घोषणा की. डिजिटल लेन-देन को बढावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है.
अभी दो लाख रुपए से अधिक की राशि तत्काल दूसरे के खाते में भेजने के लिए रीयल टाइम ग्रास सेटिलमेंट (RTGS) का उपयोग किया जाता है. दो लाख रुपये तक की राशि भेजने के लिए नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) प्रणाली बनी है.