अमेरिका निर्मित चार चिनूक हेलीकॉप्टरों को वायुसेना में शामिल कर लिया गया है. एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने इस हेलीकॉप्टरों को चंडीगढ़ एयरबेस में 25 मार्च को औपचारिक रूप से शामिल किया.
भारतीय वायुसेना ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह में 10 फरवरी को अपना पहला CH-47F(I) चिनूक अमेरिका से प्राप्त किया था. भारत ने बोईग के साथ 22 अपाचे (AH–64E) हेलीकॉप्टर के अलावा 15 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने की प्रक्रिया को सितम्बर 2015 में अंतिम रूप दिया था.
चिनूक हेलीकॉप्टर: एक दृष्टि
चिनूक एक बहुद्देशीय हेलीकॉप्टर है.
इसका निर्माण अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोईग ने किया है.
प्रत्येक चिनूक हेलीकॉप्टर की भार क्षमता करीब 9.6 टन है. 315 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है.
यह वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलीकॉप्टर है, जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईधन ढोने में किया जाता है.
युद्ध प्रयासों के अलावा इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है. चिनूक पुराने पड़ चुके रूसी Mi-17 और Mi-26 हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे.