डेली कर्रेंट अफेयर्स
14-15 नवंबर 2025
निर्यातकों के लिए एक नई ऋण आश्वासन योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यातकों के लिए एक नई ऋण आश्वासन योजना (Credit Guarantee Scheme for Exporters – CGSE) को मंजूरी दी है.
यह योजना निर्यातकों, खासकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs), को वित्तीय सहायता और तरलता (liquidity) प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
CGSE योजना के मुख्य बिंदु
- यह योजना भारतीय निर्यातकों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है.
- इस योजना का उद्देश्य भारत को 1 ट्रिलियन (एक लाख करोड़) डॉलर के निर्यात लक्ष्य का समर्थन करना और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देना है. यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को भी मजबूत करेगी.
- यह योजना सदस्य ऋणदाता संस्थानों (MLIs) को राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) के माध्यम से 100% क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करती है.
- इसका उद्देश्य पात्र निर्यातकों (MSMEs सहित) को अतिरिक्त ऋण सुविधा के रूप में ₹20,000 करोड़ तक की सहायता प्रदान करना है.
- इस योजना के तहत, निर्यातकों को बिना किसी संपार्श्विक (यानी, बिना किसी गारंटी या सुरक्षा) के ऋण तक पहुँचने में मदद मिलेगी.
मंत्रिमंडल ने निर्यात संवर्धन मिशन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹25,060 करोड़ के परिव्यय के साथ निर्यात संवर्धन मिशन (Export Promotion Mission – EPM) को मंजूरी दी है.
यह एक प्रमुख पहल है, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा को मज़बूत करने के लिए की गई थी. इसकी घोषणा विशेष रूप से MSME, पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बढावा देने के लिए की गई थी.
EPM के मुख्य बिन्दु
- यह मिशन वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक चलेगा. इसका उद्देश्य निर्यातकों के लिए एक व्यापक, लचीला और डिजिटल रूप से संचालित ढाँचा प्रदान करना है.
- यह मिशन निर्यात क्षेत्र की संरचनात्मक चुनौतियों जैसे सीमित और महंगा व्यापार वित्त, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन की उच्च लागत और कमजोर ब्रांडिंग को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करेगा.
- यह मिशन भारत के निर्यात को एकल, परिणाम-आधारित और अनुकूलनीय तंत्र की ओर ले जाकर वैश्विक व्यापार चुनौतियों का तेजी से जवाब देने में मदद करेगा.
मिशन का उद्देश्य और प्रभाव
- EPM का लक्ष्य उन संरचनात्मक चुनौतियों को दूर करना है जो भारतीय निर्यात को बाधित करती हैं:
- भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, विशेष रूप से कपड़ा, चमड़ा, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान और समुद्री उत्पाद जैसे क्षेत्रों में.
- विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स और संबद्ध सेवाओं में नए रोजगार के अवसर पैदा करना.
- गैर-पारंपरिक जिलों और क्षेत्रों से निर्यात को बढ़ावा देना और नए बाजारों में विस्तार करना.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अंगोला और बोत्सवाना यात्रा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 8 से 13 नवंबर, 2025 तक अंगोला और बोत्सवाना की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर थे. यह किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की इन दोनों दक्षिणी अफ्रीकी देशों की पहली यात्रा थी.
इस यात्रा का उद्देश्य अफ्रीकी महाद्वीप के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना और ग्लोबल साउथ देशों के साथ साझेदारी को गहरा करना था.
अंगोला यात्रा के मुख्य बिंदु
- राष्ट्रपति मुर्मू की बोत्सवाना यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई.
- राष्ट्रपति मुर्मू ने अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेन्सो से मुलाकात की और द्विपक्षीय वार्ता की.
- रणनीतिक खनिजों और दुर्लभ खनिजों (Critical and Rare Minerals) की खोज में भारतीय कंपनियों के सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई.
- राष्ट्रपति मुर्मू ने डिजिटल तकनीक, अंतरिक्ष सहयोग और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया.
- उन्होंने कहा कि भारत में निर्मित वंदे भारत हाई-स्पीड ट्रेनें जैसी तकनीक और ज्ञान अंगोला के साथ साझा किया जा सकता है.
- राष्ट्रपति मुर्मू ने 11 नवंबर को अंगोला की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में हिस्सा लिया और अंगोला की संसद को संबोधित किया.
- भारत अंगोला की रक्षा आधुनिकीकरण योजना के लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है.
- अंगोला, जो तेल का प्रमुख उत्पादक है, भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
बोत्सवाना यात्रा के मुख्य बिंदु
- राष्ट्रपति मुर्मू की बोत्सवाना यात्रा दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ पर हुई है.
- बोत्सवाना में राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति ड्यूमा गिडियन बोको के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.
- दोनों नेताओं ने प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत को बोत्सवाना से 8 चीते भेजने की घोषणा का स्वागत किया. यह वन्यजीव संरक्षण में दोनों देशों के बीच सहयोग का एक प्रमुख कदम है.
- दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो बोत्सवाना के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती भारतीय दवाएं आसानी से उपलब्ध कराने में मदद करेगा.
- शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, व्यापार, निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी.
- राष्ट्रपति मुर्मू ने बोत्सवाना की संसद को संबोधित किया और भारत को बोत्सवाना के विकास के सफर में एक भरोसेमंद और विश्वसनीय साझेदार बताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 से 12 नवंबर, 2025 तक भूटान की राजकीय यात्रा पर थे. यह यात्रा दोनों देशों के बीच ‘पड़ोसी पहले’ (Neighbourhood First) की नीति और विशेष द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था.
यात्रा के मुख्य बिन्दु
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने थिम्पू में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.
- दोनों नेताओं ने 1020 मेगावॉट क्षमता वाली पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया. यह भारत-भूटान सहयोग से निर्मित एक बड़ी परियोजना है.
- यह परियोजना भूटान की बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि करेगी और भारत को बिजली निर्यात की शुरुआत का प्रतीक है, जिससे दोनों देशों की ऊर्जा साझेदारी और मजबूत होगी.
- भारत ने भूटान को ऊर्जा परियोजनाओं के लिए चार हज़ार करोड़ रुपये की रियायती ऋण (Line of Credit) देने की घोषणा की है.
- गेलेफू में निवेशकों और आगंतुकों की सुगम आवाजाही के लिए असम के हतिसार में एक आव्रजन जाँच चौकी (Immigration Check Post) स्थापित करने का निर्णय लिया गया.
- गेलेफू को भारत के रेलवे नेटवर्क से जोड़ने (गेलेफू-कोकराझार) और समत्से-बानरहाट रेल लिंक पर काम में तेजी लाने पर भी चर्चा की गई.
- प्रधानमंत्री भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया.
- वाराणसी में एक भूटानी मंदिर/मठ और अतिथि गृह के निर्माण के लिए भूमि आवंटन की घोषणा की गई.
- दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग और स्वास्थ्य और चिकित्सा सहयोग के क्षेत्र में कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए.
संक्षिप्त सामयिक घटनाचक्र
ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने विश्व निशानेबाजी में रजत पदक जीता
ओलंपियन ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने आज मिस्र के काहिरा में विश्व निशानेबाजी चैंपियनशिप के क्वालीफिकेशन में विश्व रिकार्ड की बराबरी करते हुए पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में रजत पदक जीता. ईशा सिंह और सम्राट राणा ने भी 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड स्पर्धा में रजत पदक जीता.
सिक्किम में पूर्वोत्तर क्षेत्र का अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मेला
पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 13 नवंबर को सिक्किम में पूर्वोत्तर क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मेला (ITM) के 13वें संस्करण का उद्घाटन किया. यह चार दिवसीय कार्यक्रम पूर्वोत्तर की पर्यटन क्षमता को प्रदर्शित करेगा. ITM का उद्देश्य क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता और साहसिक पर्यटन के अवसरों को उजागर करना और सतत तथा समावेशी पर्यटन विकास को प्रोत्साहित करना है.
प्रमुख खनिजों में रॉयल्टी दरों का संशोधन
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीज़ियम, ग्रेफाइट, रूबिडियम और ज़िरकोनियम जैसे प्रमुख खनिजों में रॉयल्टी दरों का संशोधन किया है. इससे लिथियम, टंगस्टन और नियोबियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के घरेलू उत्पादन में वृद्धि होगी और आयात कम होगा जिससे भारत में रोज़गार के अधिक अवसर भी सृजित होंगे.
