गजा में युद्ध समाप्त करने के लिए मिस्र में अंतर्राष्ट्रीय शांति शिखर सम्मेलन

मिस्र में 13 अक्टूबर 2025 को गाजा शांति शिखर सम्मेलन (Gaza Peace Summit) आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन का उद्देश्य गाजा में लंबे समय से चल रहे संघर्ष को समाप्त करना और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करना था.

शिखर सम्मेलन के मुख्य बिंदु

  • उद्देश्य: गाजा में युद्ध को समाप्त करना, मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना, क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक नए दौर की शुरुआत करना, हमास को निरस्त्र करना और पट्टी में एक नया शासी निकाय बनाना था.
  • मेजबानी: यह सम्मेलन मिस्र के शर्म अल-शेख शहर में आयोजित किया गया था. सम्मेलन की सह-अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने की थी.
  • प्रतिभागी: इस सम्मेलन में भारत सहित 30 से अधिक देशों को आमंत्रित किया गया था. जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इराक के प्रधानमंत्री, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फिलिस्तीनी अथॉरिटी के अध्यक्ष महमूद अब्बास शामिल थे. भारत का प्रतिनिधित्व विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने किया.
  • इजराइल और हमास ने इस सम्मेलन में भाग नहीं लिया. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी शामिल नहीं हुए.
  • हमास की प्रतिक्रिया: हमास ने इस योजना को मानने से साफ इनकार कर दिया है और इसे बेतुका बताया है. हमास का कहना है कि वह अपने हथियार नहीं छोड़ेगा.
  • सम्मेलन में एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें गाजा में युद्ध समाप्त करने संबंधी समझौता शामिल था.

शांति योजना में शामिल मुद्दे

  • अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक 20-सूत्रीय योजना पेश की, जिसमें युद्धविराम, सेना की वापसी, बंधकों की रिहाई और स्थायी शांति जैसे मुद्दे शामिल थे.
  • पहला चरण: इजरायली सैनिकों की गाजा से वापसी, जीवित और मृत बंधकों की वापसी, और लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई.
  • दूसरा चरण: गाजा का पुनर्निर्माण, अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल की तैनाती और हमास का निरस्त्रीकरण.
  • सम्मेलन से पहले ही हमास ने 20 जीवित बंधकों और इज़राइल ने सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ दिया था.