एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) ने भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB−’ से बढ़ाकर ‘BBB’, जबकि अल्पकालिक रेटिंग को ‘A-3’ से बेहतर करके ‘A-2’ कर दिया है. एसएंडपी ने स्थानांतरण और परिवर्तनीयता मूल्यांकन में भी सुधार लाते हुए ‘BBB+’ से ‘A−’ कर दिया है.
एसएंडपी ने भारत के रेटिंग यह सुधार 18 साल के बाद किया है. एसएंडपी ने आखिरी बार जनवरी, 2007 में भारत की रेटिंग को ‘BBB−’ में परिवर्तित किया था.
यह उन्नयन भारत की सशक्त एवं सतत आर्थिक वृद्धि को दर्शाता है, जो उच्च बुनियादी ढांचा निवेश, सुदृढ़ राजकोषीय प्रबंधन तथा मजबूत मौद्रिक नीति ढांचे द्वारा संचालित है.
यह देश की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और दीर्घकालिक समृद्धि के प्रति सरकार की दृढ़ वचनबद्धता का प्रमाण है.
एसएंडपी ग्लोबल ने कहा है कि भारत दुनिया में सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है, जो महामारी के बाद से मजबूती के साथ सुधार और निरंतर विकास दिखा रहा है.
एसएंडपी ग्लोबल के मुख्य अवलोकन
वित्त वर्ष 2022 और 2024 के बीच वास्तविक जीडीपी वृद्धि औसतन 8.8 प्रतिशत रही है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक है.
एसएंडपी ने अगले तीन वर्षों में 6.8 प्रतिशत की वार्षिक जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो उच्च राजकोषीय घाटे के बावजूद सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात में नरमी का अनुमान व्यक्त करता है.
बुनियादी ढांचे में निवेश पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सरकारी व्यय की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. वित्त वर्ष 2026 तक केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय 11.2 ट्रिलियन (जीडीपी का 3.1 प्रतिशत) तक पहुंचने की उम्मीद है.
राज्य सरकारों सहित बुनियादी ढांचे में कुल सार्वजनिक निवेश सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 5.5 प्रतिशत अनुमानित है, जो कई समकक्ष देशों के बराबर या उससे अधिक है.
सामान्य सरकारी घाटा वित्त वर्ष 2026 में सकल घरेलू उत्पाद के 7.3 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2029 तक 6.6 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है.
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ और रेटिंग स्केल
तीन बड़ी वैश्विक रेटिंग एजेंसियाँ स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P), मूडीज और फिच रेटिंग्स हैं. ये तीनों अमेरिका में स्थित हैं.
ये एजेंसियां देशों और कंपनियों की साख का आकलन करती हैं, यह देखकर कि वे अपने कर्ज चुकाने में कितने सक्षम हैं.
ये रेटिंग्स निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, क्योंकि ये उन्हें यह तय करने में मदद करती हैं कि किसी विशेष देश या कंपनी में निवेश करना कितना सुरक्षित है.
तीनों एजेंसियां अलग-अलग रेटिंग पैमाने का उपयोग करती हैं. उच्चतम रेटिंग का मतलब है कि जारीकर्ता के अपने कर्ज चुकाने की संभावना अधिक है.
उदाहरण के लिए, एसएंडपी और फिच में, AAA सबसे अच्छी और D (डिफॉल्ट) सबसे खराब रेटिंग है. मूडीज में Aaa सबसे अच्छी रेटिंग है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-08-18 16:31:122025-08-18 16:31:12एसएंडपी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को बढ़ाकर ‘BBB’ किया