WHO ने नेपाल को रूबेला बीमारी मुक्त घोषित किया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नेपाल को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में रूबेला बीमारी से मुक्त घोषित किया है.
- यह उपलब्धि नेपाल के लिए ऐतिहासिक है, जिसने लगातार टीकाकरण और जन-जागरूकता के जरिए इस बीमारी को हराया.
- नेपाल में वर्ष 2012 में रूबेला टीकाकरण की शुरुआत की गई थी. उसी साल 9 महीने से लेकर 15 साल तक के बच्चों के लिए देशव्यापी अभियान चलाया गया.
- वर्ष 2024 तक, नेपाल ने रूबेला टीके की कम से कम एक खुराक के लिए 95% से अधिक कवरेज हासिल कर लिया.
- नेपाल अब दक्षिण-पूर्व एशिया का छठा देश है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है. इससे पहले भूटान, मालदीव, श्रीलंका, डीपीआर कोरिया और तिमोर-लेस्ते यह काम कर चुके हैं.
क्या है रूबेला?
- रूबेला, जिसे जर्मन खसरा भी कहा जाता है, विषाणु (वायरस) से होने वाला एक खतरनाक संक्रामक बीमारी है. यह बीमारी टीके से पूरी तरह से रोकी जा सकती है.
- यह बीमारी खासकर गर्भवती महिलाओं और अजन्मे शिशुओं के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है.
- अगर कोई गर्भवती महिला इस वायरस से संक्रमित हो जाए तो उसका बच्चा जन्म से ही विकलांग हो सकता है या कई बार गर्भपात भी हो सकता है.