7 अगस्त 2025: 11वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य हथकरघा उद्योग के महत्व एवं आमतौर पर देश के सामाजिक आर्थिक योगदान में इसके महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना और हथकरघा को बढ़ावा देना, बुनकरों की आय को बढ़ाना और उनके गौरव में वृद्धि करना है.

11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की थीम: इस वर्ष की थीम ‘हथकरघा – महिला सशक्तिकरण, राष्ट्र सशक्तिकरण’ था.

7 अगस्‍त का विशेष महत्‍व

  • हथकरघा दिवस मनाने के लिए 7 अगस्‍त का दिन भारतीय इतिहास में विशेष महत्‍व का होने के कारण चुना गया है.
  • इसी दिन 1905 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में स्‍वदेशी आंदोलन शुरू हुआ था. इस दिन कोलकाता के टाउनहॉल में एक महा जनसभा में स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक रूप से शुरुआत की गई थी.
  • भारत सरकार ने इसी की याद में हर वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में घोषित किया था.
  • पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2015 में मनाया गया था. 7 अगस्त 2025 को 11वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया.

11वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 7 अगस्त 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह की अध्यक्षता की. इस कार्यक्रम का आयोजन वस्त्र मंत्रालय ने किया था.
  • कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के जीवंत हथकरघा क्षेत्र और देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा सांस्कृतिक पहचान में इसके योगदान को सम्मानित करना था.
  • इस अवसर पर कुल 24 बुनकरों को सम्मानित किया गया, जिनमें 5 को संत कबीर पुरस्कार और 19 को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया.
  • संत कबीर पुरस्कार में तीन लाख पचास हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है, जबकि राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार में दो लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है.