प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को एकतरफा बलपूर्वक उपायों के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day against Unilateral Coercive Measures) मनाया जाएगा.
इसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने की है. इसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था.
इसका उद्देश्य एकतरफा बलपूर्वक उपायों के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है, जो अकसर अंतर्राष्ट्रीय कानून या संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करते हैं.
यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति में संवाद, आपसी सम्मान, समझ, सहिष्णुता और बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर देता है.
एक देश द्वारा दूसरे देश के विरुद्ध अपनाए गए एकतरफा बलपूर्वक उपाय, अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार के विरुद्ध हैं.
एकतरफा बलपूर्वक उपाय विकासशील देशों को पूर्ण आर्थिक और सामाजिक विकास प्राप्त करने से भी रोकता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित प्रस्ताव
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिवस से संबंधित प्रस्ताव हाल ही में पारित किया था. इस प्रस्ताव के पक्ष में 116, विपक्ष में 51 और 6 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया.
संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों जैसे – ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जापान, कनाडा और यूरोपीय संघ ने इस प्रस्ताव के खिलाफ़ मतदान किया.
विकसित पश्चिमी देशों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने राजनीतिक और रणनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बलपूर्वक उपायों (प्रतिबंधों) का उपयोग करता रहा है.