तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ‘मेरिट’ योजना को मंजूरी

केंद्र सरकार ने तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता व शोध को बढ़ावा देने के लिए ‘मेरिट’ (MERITE) योजना को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 9 अगस्त को हुई बैठक में यह मंजूरी दी गई.

क्या है मेरिट (MERITE) योजना?

  • मेरिट (MERITE) का पूरा नाम मल्टीडिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च इम्प्रूवमेंट इन टेक्निकल एजुकेशन है.
  • यह योजना देशभर के 275 तकनीकी संस्थानों (175 इंजीनियरिंग कॉलेज और 100 पॉलिटेक्निक कॉलेज) में लागू होगी.
  • योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) के अनुरूप तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता, समानता और प्रशासनिक दक्षता को सुदृढ़ करना है.
  • इस योजना की अवधि 2025-26 से 2029-30 तक होगी. योजना की कुल लागत ₹4,200 करोड़ होगी जिसमें ₹2,100 करोड़ का ऋण विश्व बैंक से और शेष राशि केंद्र सरकार से मिलेगा.

लाभार्थी संस्थान

  • इस योजना के अंतर्गत चुने गए सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थान — जैसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NITs), राज्य इंजीनियरिंग संस्थान, पॉलिटेक्निक और संबद्ध तकनीकी विश्वविद्यालय (ATUs) — को सहायता दी जाएगी.
  • मेरिट योजना से कुल मिलाकर 7.5 लाख छात्र-छात्राओं को सीधा लाभ मिलेगा.

मेरिट योजना के मुख्य उद्देश्य

  • शिक्षा का डिजिटलीकरण करना
  • बहु-विषयक (multidisciplinary) कार्यक्रमों के दिशा-निर्देश तैयार करना
  • विद्यार्थियों के सीखने की क्षमता और रोज़गार योग्यता को बढ़ावा देना
  • अनुसंधान और नवाचार के लिए सशक्त वातावरण बनाना
  • श्रम बाजार के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करना
  • शैक्षणिक नेतृत्व, विशेषकर महिलाओं, को प्रोत्साहन देना

योजना का कार्यान्वयन

  • योजना को AICTE और NBA जैसे विनियामक निकायों के माध्यम से लागू किया जाएगा. IITs, IIMs जैसे प्रमुख संस्थान इसके क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाएंगे.