वायु सेना के लिए 97 LCA तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमान की खरीद को मंजूरी
केंद्र सरकार ने भारतीय वायु सेना के लिए 97 LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमान (फाइटर जेट्स) की खरीद को मंजूरी है. यह मंजूरी सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) ने 19 अगस्त को दी थी.
- इसके तहत 62,000 करोड़ रुपये की लागत से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) 97 LCA तेजस मार्क-1A का उत्पादन करेगी. ये लड़ाकू विमान पुराने हो चुके मिग-21 विमानों की जगह लेगा.
- वर्तमान में IAF के पास 40 तेजस LCA मार्क-1 जेट्स हैं. 48000 करोड़ रुपये की लागत से 83 LCA मार्क-1A के खरीद का ऑर्डर 2021 में HAL को दिया जा चुका है.
भारतीय वायुसेना को 42 फाइटर स्क्वाड्रन की जरूरत
- भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में 31 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि जरूरत 42 स्क्वाड्रन की है. एक स्क्वाड्रन में औसतन 18 जेट्स होते हैं.
- भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में सुखोई Su-30 MKI (260 जेट्स), राफेल (36 जेट्स), मिग-29 (65 जेट्स), मिराज 2000 (44 जेट्स), जगुआर (130 जेट्स), और तेजस MK-1 (40 जेट्स) शामिल हैं.
तेजस लड़ाकू विमान
- तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का जेट लड़ाकू विमान है. इसे रक्षा अनुसन्धान एवं विकास सङ्गठन (DRDO) की एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने डिजाइन किया है और हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) इसका निर्माण कर रही है.
- यह एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है.
तेजस LCA मार्क-1
- तेजस LCA मार्क-1, 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल सुपरसोनिक जेट है. इसका मतलब है कि यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर दोनों तरह के मिशन को पूरा करने में सक्षम है.
- इसमें 65% से अधिक स्वदेशी सामग्री है. यह उन्नत AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट और अस्त्र मिसाइल जैसी तकनीकों से लैस है.
- वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका नाम ‘तेजस’ दिया था.
तेजस LCA मार्क-2
- तेजस LCA मार्क-2, तेजस का उन्नत संस्करण है, जो GE F414 इंजन से लैस होगा और 6,500 किलो पेलोड ले जा सकता है.
- इसका पहला प्रोटोटाइप 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में उड़ेगा. 2029 से बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा. यह मिग-29, मिराज 2000 और जगुआर की जगह लेगा.