आर्मेनिया और अज़रबैजान ने दशकों पुराने संघर्ष को समाप्त करते हुए एक ऐतिहासिक शांति-समझौता किया है. इस समझौते पर अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलिएव और आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिन्यान ने 8 अगस्त 2025 को हस्ताक्षर किए.
यह शांति-समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता में हुआ है. दोनों पक्षों ने समझौते के सभी शर्तों पर सहमति व्यक्त की.
इस शांति-समझौते पर हस्ताक्षर अमेरिका के व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की मौजूदगी में किए गए.
इस दौरान दोनों देशों ने अमेरिका के साथ भी समझौता किया, जिसके बाद दक्षिण काकेशस क्षेत्र के प्रमुख परिवहन मार्गों को खोलने पर सहमति बनी.
समझौते के मुख्य बिन्दु
समझौते के मुताबिक, दोनों देशों ने सभी संघर्षों को स्थायी रूप से बंद करने, द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने, यात्रा और राजनयिक संबंध खोलने के साथ-साथ एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का वचन दिया है.
इसके अलावा, अजरबैजान के नाखचीवान (Nakhchivan) क्षेत्र को अपने मुख्य क्षेत्र से जोड़ने के लिए (आर्मेनिया के जंगेजुर क्षेत्र से होकर) एक ट्रांजिट मार्ग (कॉरिडोर) बनाने की सहमति हुई.
इस ट्रांसिट मार्ग का नाम ‘ट्रंप रूट फॉर इंटरनेशनल पीस एंड प्रॉस्पेरिटी‘ (TRIPP) रखा गया है. इस मार्ग में रेल, तेल-गैस पाइपलाइन और फाइबर ऑप्टिक लाइनें बिछी होंगी. इसे विकसित करने का अधिकार अमेरिका को मिला है. प्राइवेट कंपनियां ये काम करेंगी.
ट्रंप मार्ग (TRIPP)
ट्रंप मार्ग (TRIPP) आर्मेनिया के जंगेजुर इलाके से होकर गुजरने वाला 43 किलोमीटर का प्रस्तावित रास्ता है. यह अजरबैजान के नाखचीवान (Nakhchivan) क्षेत्र को जोड़ेगा.
अजरबैजान का नाखचीवान क्षेत्र एक स्वायत्त गणराज्य है जो अजरबैजान का एक हिस्सा है, लेकिन भौगोलिक रूप से अजरबैजान की मुख्य भूमि से अलग है.
अजरबैजान-आर्मेनिया विवाद
अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच विवाद मुख्यतः नागोर्नो कराबाख क्षेत्र को लेकर है. यह अजरबैजान के भीतर एक ऐसा पर्वतीय क्षेत्र है, जहां अधिकतर आर्मेनियाई आबादी रहती थी.
1980 के दशक के अंत में यह आर्मेनिया के समर्थन से यह अजरबैजान से अलग हो गया था.
अजरबैजान 1991 तक सोवियत संघ का हिस्सा था. 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद, अजरबैजान ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की.
सोवियत संघ के पतन के बाद इस क्षेत्र पर प्रभुत्व को लेकर लड़ाई हुई, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई.
इस क्षेत्रीय राजनीतिक विवाद में तुर्की, अजरबैजान का समर्थन करता रहा, जबकि रूस आर्मेनिया का.
2023 में अजरबैजान ने नागोर्नो कराबाख क्षेत्र का पूरा नियंत्रण वापस ले लिया, जिसके बाद लगभग 1 लाख आर्मेनियाई लोग आर्मेनिया चले गए.
दक्षिण काकेशस क्षेत्र में स्थित है नागोर्नो कराबाख
नागोर्नो कराबाख, दक्षिण काकेशस क्षेत्र में स्थित एक क्षेत्र है. इसे अर्मेनियाई लोग आर्टाख (Artsakh) के नाम से जानते हैं.
दक्षिण काकेशस क्षेत्र वर्षों से रूस के प्रभाव क्षेत्र में माना जाता था. इस समझौते से रूस की इस क्षेत्र में पारंपरिक प्रभुसत्ता को ठेस लगी है, क्योंकि इस क्षेत्र पर अब अमेरिका की भूमिका मजबूत होती दिख रही है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-08-11 12:37:122025-08-11 12:37:12आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच शांति-समझौते की घोषणा