आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन का 15वां COP (15th meeting of the Conference of the Parties) 23 से 31 जुलाई 2025 तक जिम्बाब्वे के विक्टोरिया फॉल्स में आयोजित की गई थी.
भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया. सम्मेलन में आर्द्रभूमि के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए सतत जीवनशैली को बढ़ावा देने के भारत के प्रस्ताव को पारित किया गया.
इस सम्मेलन का विषय- ‘हमारे साझा भविष्य के लिए आर्द्रभूमि का संरक्षण’ था.
रामसर कन्वेंशन के COP का आयोजन रामसर सचिवालय द्वारा हर तीन साल में किया जाता है. इसका सचिवालय स्विट्ज़रलैंड के ग्लैंड में स्थित है.
आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन
आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन का नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है क्योंकि यहीं फरवरी 1971 में आर्द्रभूमि और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था.
अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि
अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि को रामसर स्थल कहा जाता है. रामसर स्थल पानी में स्थित मौसमी या स्थायी पारिस्थितिक तंत्र हैं. इनमें मैंग्रोव, दलदल, नदियाँ, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान और बाढ़ के जंगल, चावल के खेत, प्रवाल भित्तियाँ, समुद्री क्षेत्र (6 मीटर से कम ऊँचे ज्वार वाले स्थान) के अलावा मानव निर्मित आर्द्रभूमि जैसे- अपशिष्ट जल उपचार तालाब और जलाशय आदि शामिल होते हैं.
आर्द्रभूमियां प्राकृतिक पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं. ये बाढ़ की घटनाओं में कमी लाती हैं, तटीय इलाकों की रक्षा करती हैं, साथ ही प्रदूषकों को अवशोषित कर पानी की गुणवत्ता में सुधार करती हैं.
आर्द्रभूमि मानव और पृथ्वी के लिये महत्त्वपूर्ण हैं. 1 बिलियन से अधिक लोग जीवनयापन के लिये उन पर निर्भर हैं और दुनिया की 40% प्रजातियाँ आर्द्रभूमि में रहती हैं तथा प्रजनन करती हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-08-02 19:31:212025-08-02 19:31:21आर्द्रभूमि पर 15वां रामसर सम्मेलन जिम्बाब्वे में आयोजित की गई