डेली कर्रेंट अफेयर्स
16-18 जुलाई 2025
तियानजिन में SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक, विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन यात्रा
- विदेश मंत्री एस जयशंकर 14-15 जुलाई को चीन की यात्रा पर थे. वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के प्रयोजन से गए थे.
- वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव के बाद विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा थी.
- SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक 15 जुलाई को तियानजिन में हुई थी. वर्तमान में चीन इस संगठन का अध्यक्ष है.
- बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने SCO को आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के मुद्दों पर अडिग रुख अपनाए जाने की बात कही.
- उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों, षड्यंत्रकर्ताओं और धन उपलब्ध कराने वालों को जवाबदेह ठहराने पर बल दिया.
द्विपक्षीय बैठक
- विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने 14 जुलाई को पेइचिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की.
- डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि आपसी संबंधों के विकास के लिए सीमा पर शांति बनाए रखना ज़रूरी है.
- उन्होंने प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और आर्थिक सहयोग में आने वाली बाधाओं का भी मुद्दा उठाया.
- उन्होंने सीमा पार नदियों पर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया है, जिसमें चीन द्वारा जल विज्ञान संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराना भी शामिल है.
शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि
- शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है जो जून 2001 में ‘शंघाई फाइव’ (Shanghai Five) के विस्तार के बाद अस्तित्व में आया था.
- ‘शंघाई फाइव’ का गठन रूस, चीन, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान ने साथ मिलकर वर्ष 1996 में किया था.
- साल 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके स्थायी सदस्य बने. उससे पहले भारत को 2005 में SCO में एक पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल किया गया था.
- SCO के दो मुख्य निकाय हैं- SCO राष्ट्राध्यक्ष परिषद और SCO शासनाध्यक्ष परिषद. SCO राष्ट्राध्यक्ष की परिषद एससीओ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है.
- SCO की अध्यक्षता रूसी वर्णमाला के अनुसार सदस्य देशों के बीच सालाना बारी-बारी से आयोजित की जाती है.
- यह समूह अपने सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है.
- बहुत सारे पश्चिमी देशों के विशेषज्ञों का यह मानना है की SCO को चीन और रूस के द्वारा एक पश्चिम विरोधी गठबंधन के रूप में बदला जा रहा है.
- एससीओ के स्थायी सदस्य (10 देश): कजाकिस्तान, चीन, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत, पाकिस्तान, ईरान और बेलारूस.
- मंगोलिया और अफगानिस्तान (2021 से निलंबित) SCO में पर्यवेक्षक (Observer) के रूप में शामिल हैं. SCO का मुख्यालय बीजिंग, चीन में है.
भारत ने आकाश प्राइम का सफल उपयोगकर्ता परीक्षण किया
- भारतीय सेना ने 16-17 जुलाई को आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली (Akash Prime Air Defence System) का सफल उपयोगकर्ता परीक्षण किया है. यह परीक्षण लद्दाख के उच्चतम पर्वतीय क्षेत्र में 15,000 फीट की ऊँचाई पर किया गया.
- परीक्षण के दौरान आकाश प्राइम मिसाइल ने दो उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया और नष्ट कर दिया.
आकाश प्राइम (Akash Prime)
आकाश प्राइम, मूल आकाश मिसाइल का उन्नत संस्करण है. आकाश स्वदेशी मिसाइल है जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। आकाश मिसाइल के चार प्रकार हैं:
- आकाश मार्क-1
- आकाश-1S
- आकाश एनजी (नई पीढ़ी)
- आकाश प्राइम
- आकाश वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय सेना द्वारा किया जा रहा है. इसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
- आकाश एक ‘सतह-से-हवा’ में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है जो हेलीकॉप्टरों, विमानों, क्रूज मिसाइलों, ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को निशाना बना सकती है.
- आकाश मिसाइल प्रणाली एक रडार प्रणाली से लैस है जो आने वाले शत्रुतापूर्ण हवाई लक्ष्यों का पता लगा सकती है और नष्ट कर सकती है। इसे एक मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म से प्रक्षेपित किया जा सकता है.
- आकाश प्राइम एक उच्च-ऊंचाई वाला संस्करण है जिसमें लक्ष्य निर्धारण के लिए स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर लगा है। इस प्रणाली की मारक क्षमता 20 किलोमीटर है.
- यह ऊंचाई और ठंडे मौसम में भी बखूबी काम करती है. इसे चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रख कर उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र के लिए डिज़ाइन किया गया है.
- आकाश प्रणाली में एक स्वदेश विकसित राजेंद्र 3D पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार, चार इंटरकनेक्टेड लॉन्चर और तीन मिसाइलें होती हैं.
- आकाश मिसाइल का निर्माण हैदराबाद स्थित भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा किया जा रहा है. यह रक्षा मंत्रालय के अधीन भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है.
देश के 100 जिलों के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी गई
- सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan Dhanya Krishi Yojana) को मंजूरी दी है. यह मंजूरी 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक दी गई.
- वर्ष 2025-26 के बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी. यह योजना पाँच वर्षों के लिए है, जो 2025-26 से शुरू होकर 2029-30 तक रहेगी. इसपर प्रत्येक वर्ष 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे और 1.70 करोड़ किसानों को फायदा होगा.
योजना के मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत सरकार का प्रयास उत्पादन-उत्पादकता के मामले में अत्यंत पिछड़े जिलों को अन्य विकसित जिलों के बराबर लाने का है. इस योजना के निम्नलिखित मुख्य उद्देश्य हैं:
- उत्पादकता में वृद्धि
- किसानों को फसल विविधीकरण की ओर प्रेरित करना
- पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर भंडारण क्षमता में वृद्धि
- सिंचाई सुविधा में सुधार
- कृषि ऋण को आसान बनाना
योजना में शामिल जिले
- इस योजना में देश के उन 100 जिलों को शामिल किया जाएगा, जो कृषि उत्पादकता में पिछड़े हैं. प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिला जरूर शामिल किया जाएगा.
- पात्र जिलों का चयन तीन प्रमुख आधार पर किया जाएगा. ये आधार हैं:
- कम कृषि उत्पादकता
- कम फसल सघनता
- कम लोन वितरण
योजना का क्रियान्वयन एवं निगरानी
- इस योजना का क्रियान्वयन सरकार और निजी क्षेत्र की भागीदारी से किया जाएगा.
- योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएँगी.
- जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों को अंतिम रूप जिला धन धान्य समिति द्वारा दिया जाएगा. प्रगतिशील किसान भी जिला स्तरीय समिति के सदस्य होंगे.
- प्रत्येक चयनित धन-धान्य जिले में योजना की प्रगति की निगरानी नीति आयोग द्वारा मासिक डैशबोर्ड का उपयोग करते हुए किया जाएगा.
- योजना का मूल्यांकन और निगरानी 117 संकेतकों के आधार पर किया जाएगा. योजना के प्रदर्शन की नियमित समीक्षा के लिए प्रत्येक चयनित धन-धान्य जिले में केंद्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे.
आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित
- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम (Aspirational Districts Programme) से प्रेरित है और अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जो विशेष रूप से कृषि तथा उससे संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित है.
- आकांक्षी जिला कार्यक्रम भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य देश के सबसे कम विकसित जिलों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है.
- आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत, 112 जिलों की पहचान की गई है, जिन्हें ‘आकांक्षी जिले’ कहा जाता है, और इन जिलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, बुनियादी ढांचा, और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है.
एक्सिओम-4 मिशन: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी
- भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन के चालक दल के तीन अन्य सदस्य अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सकुशल पृथ्वी पर लौट आए.
- एक्सिओम-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान से पृथ्वी पर लौटे. यह अंतरिक्ष यान 15 जुलाई 2025 को अमरीका के कैलिफ़ोर्निया के सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में उतरा.
एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission): घटनाक्रम
- भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजने के लिए एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च किया गया था.
- इस मिशन के माध्यम से अमरीका, भारत, पोलैंड और हंगरी के चार लोगों को वैज्ञानिक प्रयोगों और अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र में भेजा गया था.
- एक्सिओम-4 मिशन को 25 जून को अमरीका में फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था. 28 घंटे की यात्रा के बाद यह मिशन 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र पहुंचा था.
- एक्सियम-4 मिशन में भारत के शुभांशु शुक्ला, पोलैंड के स्लावोस उजानान्स्की, हंगरी के तिबोर कापू और अमरीका के पेगी ह्विस्टन शामिल थे. शुभांशु शुक्ला इस मिशन के चालक थे. पेगी ह्विस्टन नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री हैं जो मिशन कमांडर थे.
- एक्सिओम मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारत की इसरो की एक संयुक्त पहल है. इस मिशन को निजी अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस इंक द्वारा प्रक्षेपित किया गया था.
- ये अंतरिक्ष यात्री 15 दिनों तक अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कर कई प्रकार के वैज्ञानिक प्रयोग तथा अनुसंधान किए. इनमें, सूक्ष्म गुरुत्व से संबंधित शोध, प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रदर्शन और अन्य प्रयोग शामिल थे.
स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान (SpaceX Dragon spacecraft)
- चारों अन्तरिक्ष यात्री, स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सवार हो कर फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष गए थे. इस अंतरिक्षयान को 26 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक यानी जोडा गया था.
- स्पेसएक्स ड्रैगन (Dragon) अंतरिक्षयान जिसे ड्रैगन कैप्सूल भी कहा जाता है, एक पुनः प्रयोज्य अंतरिक्ष यान है जिसे एलन मस्क की SpaceX कंपनी ने विकसित किया गया है.
- यह अंतरिक्ष यात्रियों और कार्गो को पृथ्वी से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक ले जाने और वापस लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र पहुंचने वाले पहले भारतीय
- शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र (ISS) पहुंचने के साथ ही इस केन्द्र में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं.
- राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के तहत सोयुज टी-11 यान से अंतरिक्ष गए थे.
शुभांशु शुक्ला
- शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन के पद पर है. वह भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्री भी हैं.
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र पर अपने प्रवास के दौरान, शुभांशु शुक्ला ने विशिष्ट सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण प्रयोग किए.
अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन क्या है?
- अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (ISS) बाहरी अन्तरिक्ष में पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला मानव निर्मित उपग्रह है. इसे अनुसंधान और शोध के लिए बनाया गया है. इसे पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया गया है.
- ISS विश्व की कई स्पेस एजेंसियों का संयुक्त उपक्रम है. इसे बनाने में संयुक्त राज्य अमेरिका की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (RKA), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (CSA) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA) काम कर रही हैं.
- यह 109 मीटर लंबा और 51 मीटर चौड़ा है. यह पृथ्वी से 370-460 किमी की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है.
तीरंदाजी विश्व कप 2025 मैड्रिड: भारत ने तीन पदक जीते
- तीरंदाजी विश्व कप 2025 का चौथा स्पेन के मैड्रिड में 8 से13 जुलाई 2025 तक आयोजित किया गया था. इस प्रतियोगिता में भारतीय तीरंदाज ने 2 रजत, 1 कांस्य सहित कुल 3 पदक जीते.
- पदक तालिका में भारतीय टीम 8वें स्थान पर रही. 3 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य सहित कुल 9 पदकों के साथ दक्षिण कोरिया शीर्ष पर रहा.
- 3 स्वर्ण सहित कुल 2 पदकों के साथ नीदरलैंड दूसरे और 1 स्वर्ण, 2 रजत और 1 कांस्य सहित कुल 4 पदकों के साथ फ़्रांस तीसरे स्थान पर रहा.
भारतीय तीरंदाजों द्वारा जीते गए पदक
- मैड्रिड में भारतीय तीरंदाजों ने सभी पदक कम्पाउंड स्पर्धा में जीते. ज्योति सुरेखा वेन्नम भारतीयों द्वारा जीते गए सभी तीन पदकों में शामिल थीं.
- ज्योति सुरेखा वेन्नम, महिला कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा के फाइनल में ब्रिटेन की एला गिब्सन से हार कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
- ज्योति सुरेखा वेन्नम, परनीत कौर और पृथिका प्रदीप, महिला कंपाउंड टीम स्पर्धा के फाइनल में चीनी ताइपे की टीम से हार गईं और उन्हे रजत पदक मिला.
- ज्योति सुरेखा वेन्नम और ऋषभ यादव को टीम कंपाउंड स्पर्धा में कांस्य पदक जीता.
2025 तीरंदाजी विश्व कप में भारतीय प्रदर्शन
- 2025 तीरंदाजी विश्व कप में, अब तक चार चरण आयोजित किए गए हैं. इसका फाइनल चरण अक्टूबर 2025 में नानजिंग, चीन में होगा.
- चार चरणों में, भारतीय तीरंदाजों ने 3 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य कुल 14 पदक जीते हैं.
- चरण-1 (अमेरिका के ऑबर्नडेल में आयोजित): भारत ने 1 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य सहित कुल 4 पदक जीते.
- चरण-2 (चीन के शंघाई में आयोजित): भारत ने 2 स्वर्ण, 1 रजत और 4 कांस्य सहित कुल 7 पदक जीते.
- चरण-3 (तुर्की के अंताल्या में आयोजित): भारत एक भी पदक जीतने में असफल रहा.
- चरण-4 (स्पेन के मैड्रिड में आयोजित): भारत ने 2 रजत और 1 कांस्य सहित कुल तीन पदक जीते.
तीरंदाजी विश्व कप (Archery World Cup)
- तीरंदाजी विश्व कप विश्व तीरंदाजी द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता है. यह प्रतियोगिता पाँच चरणों में (अलग-अलग देशों में) आयोजित किया जाता है. चार चरणों के प्रत्येक श्रेणी के आठ सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज फाइनल चरण में भाग लेते हैं.
- विश्व तीरंदाजी (World Archery),विश्व भर में तीरंदाजी का नियामक निकाय है. यह अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) और अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति से संबद्ध है. इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के लुसाने में है.
पाँच उच्च न्यायालयों में नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुवाहाटी, पटना और झारखंड उच्च न्यायालयों में नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति चार उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का स्थानांतरण किया है.
- नए नियुक्ति और स्थानांतरित किए जाने वाले न्यायाधीशों के नामों की सिफ़ारिश सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने 26 मई 2025 को की थी. कॉलेजियम की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) करते हैं.
- कॉलेजियम की सिफ़ारिश को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा यह अधिसूचना जारी की गई थी.
पाँच उच्च न्यायालयों में नए मुख्य न्यायाधीश
- मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति संजीव सचेदवा को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. इससे पहले वे इस न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे.
- पटना उच्च न्यायालय: पटना उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपुल मनुभाई पंचोली को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया है.
- कर्नाटक उच्च न्यायालय: दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विभु बाखरू को कर्नाटक उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
- गुवाहाटी उच्च न्यायालय: पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. गुवाहाटी उच्च न्यायालय असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का उच्च न्यायालय है.
- झारखंड उच्च न्यायालय: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान को झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. वे न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव का स्थान लेंगे, जिनका त्रिपुरा उच्च न्यायालय में स्थानांतरण किया गया है.
चार उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों का स्थानांतरण
- राजस्थान उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति केआर श्रीराम को मद्रास उच्च न्यायालय से राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है.
- तेलंगाना उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह को त्रिपुरा उच्च न्यायालय से तेलंगाना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है.
- त्रिपुरा उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव को झारखंड उच्च न्यायालय से त्रिपुरा उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है.
- मद्रास उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव को राजस्थान उच्च न्यायालय से मद्रास उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति : मुख्य तथ्य
- संविधान के अनुच्छेद 214 से 237 तक में राज्य की न्यापालिका का उल्लेख है. संविधान का अनुच्छेद 214 यह बतलाता है कि प्रत्येक राज्य में एक न्यायालय होगा.
- संविधान के अनुच्छेद 216 के अनुसार राष्ट्रपति आवश्यकतानुसार प्रत्येक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या निर्धारित करते हैं.
- अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से सम्बंधित है. राष्ट्रपति उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करता है.
- राष्ट्रपति किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करने से पहले सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम (मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में बनी वरिष्ठ न्यायाधीशों की समिति) के साथ परामर्श करता है.
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और उस राज्य के राज्यपाल से परामर्श करता है जहाँ उच्च न्यायालय का मुख्य पीठ स्थित है.
- कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नाम भारत के राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी होता है.
कॉलेजियम प्रणाली (Collegium System of Supreme Court): एक दृष्टि
- देश की न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रणाली को कॉलेजियम प्रणाली कहा जाता है.
- 1990 में सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों के बाद कॉलेजियम प्रणाली बनाई गई थी.
- कॉलेजियम प्रणाली के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में बनी चार वरिष्ठ न्यायाधीशों की समिति, न्यायाधीशों के नियुक्ति का फैसला करती है.
- सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा स्थानांतरण का फैसला भी कॉलेजियम ही करता है.
- हाईकोर्ट के कौन से न्यायाधीश पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे यह फैसला भी कॉलेजियम ही करता है.
- कॉलेजियम प्रणाली का उल्लेखन न तो मूल संविधान में है और न ही उसके किसी संशोधन में.
हरियाणा और गोआ में नए राज्यपाल और लद्दाख में उपराज्यपाल की नियुक्ति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 14 जुलाई को हरियाणा और गोआ में नए राज्यपालों और लद्दाख में उपराज्यपाल की नियुक्ति की है.
- गोआ: पूर्व नागरिक विमानन मंत्री पुष्पपति अशोक गणपति राजू को गोआ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. वह गोआ के 20वें राज्यपाल होंगे और पीएस श्रीधरन पिल्लई का स्थान लेंगे. पुसापति अशोक गजपति राजू आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता हैं.
- हरियाणा: प्रो आशिम कुमार घोष हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. वह हरियाणा के 19वें राज्यपाल होंगे और बंडारू दत्तात्रेय का स्थान लेंगे. प्रोफेसर घोष 1999 से 2002 तक पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे.
- लद्दाख: कविंदर गुप्ता को लद्दाख का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है. 31 अक्टूबर 2019 को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के गठन के बाद से वे तीसरे उप-राज्यपाल होंगे. वह ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बी.डी. मिश्रा का स्थान लेंगे. कविंद्र गुप्ता जम्मू-कश्मीर से भाजपा के एक वरिष्ठ नेता हैं और महबूबा मुफ्ती सरकार में उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
संविधान में राज्यपाल (Governor) का प्रावधान
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 में भारत के प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल का प्रावधान है. राज्यपाल राज्य कार्यकारिणी का प्रमुख होता है.
- राज्यपालों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है.
- भारत में किसी राज्य का राज्यपाल नियुक्त होने के लिए भारत का नागरिक होना चाहिए और उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए. कोई लाभ के पद पर आसीन ना हो. संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य ना हो.
- राज्यपाल का सामान्य कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है, लेकिन राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है. राष्ट्रपति उसे किसी भी समय पद से हटा सकते हैं.
- राज्यपाल का वर्तमान वेतन 3.5 लाख रुपये प्रति माह है और यह संविधान की दूसरी अनुसूची में उल्लिखित है. वेतन का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाता है.
- यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल है तो उसका वेतन राष्ट्रपति द्वारा तय किये गये फार्मूले के अनुसार राज्यों के बीच बांटा जाता है.
संक्षिप्त सामयिक घटनाचक्र
कर्नाटक के शिवमोगा में देश के दूसरे सबसे लंबे केबल पुल का लोकार्पण
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 14 जुलाई को कर्नाटक के शिवमोगा जिले में सिगंडूर केबल पुल का लोकार्पण किया. 470 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह देश का दूसरा सबसे लंबा केबल पुल है. यह पुल सागरा और मारकुटिका के बीच बना है. यह पुल सागरा शहर से सिगंडूर की दूरी कम कर देगा. कर्नाटक में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई वर्ष 2014 के 6707 किलोमीटर से बढ़कर वर्तमान में 9424 किलोमीटर हो गई है.
प्रख्यात अभिनेत्री सरोजा देवी का निधन
प्रख्यात अभिनेत्री सरोजा देवी का 14 जुलाई को 87 वर्ष की आयु में बेंगलुरु में निधन हो गया. अभिनय सरस्वती के नाम से मशहूर बी. सरोजा देवी को पदमश्री और पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें कन्नड़ सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार का दर्जा भी दिया गया था. सरोजा देवी की आंखें उनकी इच्छा के अनुसार दान कर दी गईं हैं.
भारत में पचास प्रतिशत बिजली क्षमता गैर-पारम्परिक ईंधन स्रोतों से
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार भारत में अब पचास प्रतिशत स्थापित बिजली क्षमता गैर-पारम्परिक ईंधन स्रोतों से चालित है और भारत ने यह लक्ष्य निर्धारित समय से पांच वर्ष पूर्व ही हासिल कर लिया है. पीएम-कुसुम, पीएम सूर्य घर, मुफ्त बिजली योजना, सौर पार्क विकास और राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति से स्वच्छ ऊर्जा को बल मिला है.
यमन में भारतीय नर्स निमिषाप्रिया की फाँसी स्थगित
यमन में भारतीय नर्स निमिषाप्रिया की फाँसी स्थगित कर दी गई है. यमन में हत्या के आरोप में निमिषा को 14 जुलाई को मृत्युदंड दिया जाना था. भारतीय अधिकारी स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक कार्यालय के साथ नियमित संपर्क में हैं, जिसके कारण यह स्थगन संभव हो पाया है.
वयोवृद्ध धावक फौजा सिंह का सड़क दुर्घटना में निधन
वयोवृद्ध धावक फौजा सिंह का 14 जुलाई को पंजाब में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया. वे 114 वर्ष के थे. जालंधर में अपने घर के बाहर टहल रहे थे. तभी एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी. सन् 2003 में उन्होंने टोरंटो मैराथन में 92 वर्ष की आयु में दौड़ कर एक विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया था.
पहली तिमाही में सकल निर्यात में छह प्रतिशत की वृद्धि
देश का चालू वित्त वर्ष (2025-26) की पहली तिमाही में सकल निर्यात पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत बढ़कर 210 अरब डॉलर से अधिक हो गया है. जून में देश का आयात 3.71 प्रतिशत घटकर 53 अरब 92 करोड डॉलर रह गया, जबकि पिछले वर्ष जून में यह 56 अरब डॉलर के आस-पास था.
भारतीय हॉकी खिलाडी़ दीपिका ने वर्ष पोलिग्रास मैजिक स्किल पुरस्कार जीता
भारतीय हॉकी खिलाडी़ दीपिका ने वर्ष 2024-25 का पोलिग्रास मैजिक स्किल पुरस्कार जीता है. दीपिका को यह पुरस्कार FIH हॉकी प्रो लीग में नीदरलैंड्स पर शानदार फील्ड गोल के लिए दिया गया है. यह पुरस्कार हॉकी में व्यक्तिगत कौशल के लिए दिया जाता है, जिसे वैश्विक प्रशंसक वोट द्वारा तय करते हैं.
बिम्सटेक देशों का दूसरा बंदरगाह सम्मेलन विशाखापत्तनम में
बिम्सटेक देशों का दूसरा बंदरगाह सम्मेलन 14 और 15 जुलाई 2025 को विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था. सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया. सम्मेलन में समुद्री सहयोग, बंदरगाह-आधारित कनेक्टिविटी पहलों आदि विषय पर चर्चा हुई.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को कलिंग रत्न सम्मान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 15 जुलाई को ओडिशा की यात्रा पर थीं. उन्होंने कटक में ओडिया कवि और विद्वान सरला दास की 600वीं जयंती पर समारोह में भाग लिया. राष्ट्रपति ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को कलिंग रत्न सम्मान प्रदान किया. कलिंग रत्न पुरस्कार की स्थापना सरला साहित्य संसद द्वारा 2007 में की गई थी.
FATF ने धन के दुरुपयोग से जुडे संभावित खतरों को उजागर किया
वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने तेज़ी से डिजिटल हो रही दुनिया में धन के दुरुपयोग से जुडे संभावित खतरों को उजागर किया है. FATF ने कहा कि धन का दुरुपयोग आतंकवाद को समर्थन देने, अवैध कमाई छिपाने या वैश्विक शांति को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों के लिए किया जा सकता है.