भारतीय सेना ने स्वदेश निर्मित SDRs खरीदने के लिए अनुबंध किया
भारतीय सेना ने पहली बार स्वदेशी डिजाइन और निर्मित ‘सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो’ (SDRs) का पहला बैच खरीदने के लिए अनुबंध किया है.
यह कदम भारतीय सेना की संचार क्षमताओं को मजबूत करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
अनुबंध के मुख्य बिन्दु
- यह भारतीय सेना द्वारा खरीदा गया पहला स्वदेशी डिज़ाइन और निर्मित सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDR) है.
- SDR का डिजाइन रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने जबकि इसका निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने किया है.
सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDR)
- SDR एक ऐसा वायरलेस संचार उपकरण है जहाँ रेडियो सिस्टम के घटकों (जैसे मॉड्यूलेशन, डीमॉड्यूलेशन, फ़िल्टरिंग आदि) को आमतौर पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से बदला जा सकता है. पहले यह काम हार्डवेयर (जैसे एनालॉग सर्किट) के माध्यम से किया जाता रहा.
SDR का उपयोग
- सैन्य और सुरक्षा: विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मानकों का समर्थन करने वाले संचार उपकरणों के लिए.
- दूरसंचार: 5G जैसे नए वायरलेस नेटवर्क के बेस स्टेशनों में.
- शोध एवं विकास: नए वायरलेस प्रोटोकॉल और संचार तकनीकों के परीक्षण के लिए.
- शौकिया रेडियो (Ham Radio): शौकिया रेडियो ऑपरेटरों द्वारा प्रयोगों और लचीले संचार के लिए.
