डेली कर्रेंट अफेयर्स
7-9 जुलाई 2025
अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की
- अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की है. मस्क ने अपनी राजनीतिक पार्टी का नाम ‘अमेरिका पार्टी’ दिया है.
- मस्क ने नई पार्टी की बात पहली बार तब उठाई थी जब उनका डोनाल्ड ट्रंप से विवाद हुआ था. इस झगड़े के बाद मस्क ट्रंप सरकार से अलग हो गए थे.
- यह राजनीतिक पार्टी, अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों की दो-दलीय राजनीति को चुनौती देगी.
अमेरिका दो पार्टियों की प्रणाली वाला देश नहीं
- ऐतिहासिक तौर पर देखा जाए तो अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी ने सत्ता पर कब्जा बनाए रखा है.
- इसी के चलते अमेरिका की राजनीतिक प्रणाली को टू पार्टी सिस्टम यानी दो पार्टियों की प्रणाली से जोड़कर देखा जाने लगा है. हालांकि, अमेरिका टू पार्टी सिस्टम वाला देश नहीं है.
- जनवरी 2025 तक अमेरिका में 55 ऐसी पार्टियां हैं, जो एक साथ कई राज्यों में बैलट पर अपना नाम दर्ज करवा चुकी हैं. वहीं, राज्य स्तर पर 238 पार्टियां हैं.
- राष्ट्रीय स्तर पर किसी पार्टी को बैलट पर अपना नाम दर्ज करवाने के लिए कम से कम 10 राज्यों में मौजूदगी दर्ज करानी होती है.
- इस लिहाज से जहां रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के नाम ही सभी 50 राज्यों के बैलट पर मौजूद हैं. वहीं, तीन और ऐसी पार्टियां (ग्रीन पार्टी, लिबर्टेरियन, कॉन्स्टिट्यूशन पार्टी) हैं, जो राष्ट्रीय स्तर की पार्टी मानी जाती हैं.
रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी: एक दृष्टि
रिपब्लिकन पार्टी:
- रिपब्लिकन पार्टी को ग्रैंड ओल्ड पार्टी (GOP) भी कहा जाता है. इसकी स्थापना 1854 में हुई थी. अमेरिका में यह एक दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी है.
- रिपब्लिकन पार्टी की हालिया विचारधारा रूढ़िवाद है. यह एक ऐसी विचारधारा है जो मुक्त व्यापार, कम करों, बाजार में पूंजीवाद नहीं होने का समर्थन करती है. रिपब्लिकन पार्टी का चिह्न हाथी है.
डेमोक्रेटिक पार्टी:
- डेमोक्रेटिक पार्टी संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है. इसकी स्थापना 1828 में हुई थी.
- यह आमतौर पर केंद्र-वाम विचारधारा वाली पार्टी है. यह पार्टी सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता, और सरकार की अधिक सक्रिय भूमिका के समर्थन में जानी जाती है. डेमोक्रेटिक पार्टी का चिह्न गधा है.
रूस अफ़गानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने वाला पहला देश बना
रूस ने अफ़गानिस्तान में तालिबान सरकार को 6 जुलाई को आधिकारिक तौर पर मान्यता दे दी. वह मान्यता देने वाला विश्व का पहला देश बना है. तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय ने रूस के इस कदम का स्वागत किया है.
अफ़गानिस्तान में तालिबान: घटनाक्रम
- तालिबान, अफगानिस्तान में सक्रिय एक इस्लामी कट्टरपंथी समूह है. यह समूह विभिन्न गुटों से लड़ते हुए 1996 में अफगानिस्तान में एक कट्टरपंथी इस्लामी सरकार की स्थापना की.
- अल-कायदा के आतंकवादियों द्वारा 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हमला करने के बाद, अमेरिका ने अफ़गानिस्तान पर हमला कर, तालिबान को सत्ता से बाहर कर दिया.
- तालिबान ने पाकिस्तान में शरण ली और अमेरिकी सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध शुरू कर दिया. अमेरिकी सेना अंततः फरवरी 2020 में अफ़गानिस्तान से वापस चली गई.
- अगस्त 2021 में अफ़गानिस्तान में तालिबान ने अमेरिका समर्थित अशरफ़ ग़नी सरकार को उखाड़ फेंका और सत्ता पर पुनः कब्जा कर लिया.
अफ़गानिस्तान में दूतावास
- चीन, पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात के साथ रूस दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक था, जिसने 2021 में अफ़गानिस्तान में अपना दूतावास बंद नहीं किया था.
- 2021 के तालिबान हमले के बाद अगस्त 2021 में काबुल में भारतीय दूतावास का परिचालन बंद कर दिया गया था जिसे 15 अगस्त 2022 को पुनः खोल दिया गया था. भारत काबुल में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता है.
तालिबान पर प्रतिबंध
- तालिबान सरकार ने देश में फिर से सख्त शरिया कानून लागू किए. महिलाओं के प्रति भेदभाव वाली नीतियों की वजह से पश्चिम के देशों ने तालिबान को राजनयिक तौर पर अलग-थलग रखा था.
- संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के खिलाफ़ उनकी नीति के लिए तालिबान पर प्रतिबंध लगाए हैं.
- तालिबान सरकार को संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस सहित दुनिया के कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है.
- अफ़ग़ानिस्तान में 12 साल से बड़ी उम्र की लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं है, और नौकरियों में महिलाओं को काम करने नहीं दिया जा रहा है. महिलाओं को पुरुष रिश्तेदार के बिना यात्रा करने की अनुमति नहीं है.
तालिबान के साथ भारत के संबंध
- भारत ने पारंपरिक रूप से तालिबान को पाकिस्तान का प्रतिनिधि माना है और इसे मान्यता देने से इनकार किया है.
- वर्तमान में अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंध खराब हो गए हैं और दोनों के बीच सीमा पर कई झड़पें हुई हैं.
- हाल के समय में भारत सरकार का तालिबन के प्रति रुख में बदलाव आया है. मई 2025 में पहली बार विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अफ़गानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की. अफगानिस्तान सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और भारत के ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया.
धन के वितरण के मामले में भारत विश्व का चौथा सबसे समानता वाला देश
- विश्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार धन के वितरण के मामले में भारत विश्व का चौथा सबसे समानता वाला देश है.
- भारत की इस उल्लेखनीय उपलब्धि को विश्व बैंक की ‘स्प्रिंग 2025 गरीबी और इक्विटी ब्रीफ’ (Spring 2025 Poverty and Equity Brief) रिपोर्ट में उजागर किया गया था.
गिनी सूचकांक (Gini Index) 2025
- विश्व बैंक ने हाल ही में गिनी सूचकांक (Gini Index) 2025 जारी किया था. इस सूचकांक के अनुसार 2022 में भारत ने 25.5 अंक के साथ सबसे अधिक समानता वाले विश्व के देशों में चौथा स्थान हासिल किया है.
- स्लोवाक गणराज्य, 24.1 अंक के साथ विश्व का सबसे अधिक समानता वाला देश है. स्लोवेनिया (24.3) और बेलारूस (24.4) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. दक्षिण अफ्रीका 63.0 के अंक के साथ दुनिया का सबसे कम समानता वाला देश है.
- भारत का अंक, चीन (35.7), जर्मनी (31.4), यूनाइटेड किंगडम (34.4) और अमेरिका (41.8) से बेहतर है.
- गिनी सूचकांक पर भारत का अंक 2011 में 28.8 से घटकर 2022 में 25.5 हो गया. 167 देशों में से, भारत को ‘मध्यम रूप से कम असमानता’ श्रेणी में रखा गया है.
- विश्व बैंक का यह रिपोर्ट दर्शाता है कि भारत की आर्थिक प्रगति का लाभ देश भर के लोगों में समान रूप से पहुंच रहा है. इस सफलता के पीछे गरीबी को कम करने, वित्तीय पहुंच का विस्तार करने और कल्याण सहायता को सीधे उन लोगों तक पहुंचने पर लगातार नीतिगत ध्यान केंद्रित करना है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है.
गिनी सूचकांक (Gini Index) क्या है?
- गिनी सूचकांक एक संख्या है जो किसी देश में आय या धन के वितरण की समानता को मापता है.
- 0 अंक पूर्ण समानता को दर्शाता है यानी धन का वितरण समान रूप से सभी लोगों में हो रहा है. जबकि 100 अंक पूर्ण असमानता को दर्शाता है. गिनी इंडेक्स जितना अधिक होगा, देश उतना ही
- गिन्नी सूचकांक 1912 में इतालवी सांख्यिकीविद् कोराडो गिन्नी द्वारा विकसित किया गया था.
विश्व बैंक ने गिनी सूचकांक के आधार पर विश्व देशों को पाँच श्रेणियों में वर्गीकृत किया है:
- कम समानता: 24.9 गिनी अंक तक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
- मध्यम रूप से कम असमानता: 25 से 29.9 तक गिनी अंक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
- मध्यम रूप से उच्च असमानता: 30 से 39.9 तक गिनी अंक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
- अत्यधिक असमानता: 40 से 44.9 तक गिनी अंक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
- बहुत अधिक असमानता: 45 से 63 तक गिनी अंक के देशों के इस श्रेणी में रखा जाता है.
विश्व बैंक का ‘स्प्रिंग 2025 गरीबी और इक्विटी ब्रीफ’ रिपोर्ट: मुख्य बिन्दु
- 2011 से 2023 के बीच 17.1 करोड़ या 171 मिलियन भारतीयों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया.
- देश में अत्यधिक गरीबी 2011-12 में 16.2% से घटकर 2023 में 2.3% हो गई. प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम कमाने वाले लोगों को अत्यधिक गरीब कहा जाता है.
- विश्व बैंक की अत्यधिक गरीबी रेखा की संशोधित परिभाषा (प्रतिदिन 3 डॉलर से कम कमाने वाले) के अनुसार, 2022-23 में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली भारतीय आबादी 5.3% थी.
ब्राजील में 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 आयोजित किया गया
- 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (17th BRICS Summit) 2025 ब्राजील के रियो-डी-जेनेरियो में 7-8 जुलाई को आयोजित किया गया था.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया. वे सम्मेलन में शामिल होने के लिए 6 जुलाई को ब्राजील के शहर रियो-डी-जेनेरियो पहुंचे थे.
- प्रधानमंत्री मोदी 2 से 9 जुलाई तक घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील तथा नामीबिया की पांच देशों की यात्रा पर थे. घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो और अर्जेंटीना की यात्रा के बाद वे यहाँ पहुंचे थे.
17वां ब्रिक्स सम्मेलन 2025
- अमरीका और इज़राइल का सीधे नाम लिए बिना ईरान पर हाल ही में हुए सैन्य हमलों की निंदा की गई थी. इसमें कहा गया कि लोगों और पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए सशस्त्र संघर्षों सहित परमाणु सुरक्षा, सुरक्षा और संरक्षा को हमेशा बनाए रखा जाना चाहिए.
- सदस्य देशों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की.
- ब्रिक्स नेताओं ने आतंकवादियों की सीमापार आवाजाही, इसके वित्त-पोषण और सुरक्षित ठिकानों सहित सभी रूपों तथा अभिव्यक्तियों में आतंकवाद से निपटने के लिए भी अपनी वचनबद्धता दोहराई.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और बहुध्रुवीय विश्व के लिए उत्प्रेरक के रूप में ब्रिक्स के महत्व पर बल दिया.
- श्री मोदी ने नीति निर्माण में अल्प विकसित और विकासशील देशों को उच्च प्राथमिकता देने का आग्रह किया.
- श्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व स्वास्थ्य संगठन और बहुपक्षीय विकास बैंक जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधार का आग्रह किया.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद को मानवता के समक्ष सर्वाधिक गंभीर चुनौती बताया है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के शिकार लोगों और इसे शह देने वालों को एक स्तर पर नहीं रखा जा सकता.
- श्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए जलवायु न्याय कोई विकल्प नहीं बल्कि नैतिक कर्तव्य है. उन्होंने पर्यावरण संबंधी कार्रवाई के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की.
द्विपक्षीय बैठकें
- श्री मोदी कई प्रमुख नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की. श्री मोदी ने सम्मेलन से अलग मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल बरमूडेज़ से मुलाकात की.
- उन्होंने बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस एर्से कैटाकोरा और उरुग्वे के राष्ट्रपति यामांडू ओर्सियन के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल अर्जेंटीना की आधिकारिक यात्रा संपन्न की
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 4-5 जुलाई को अर्जेंटीना की आधिकारिक यात्रा पर थे. वह घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील तथा नामीबिया की पांच देशों की यात्रा के तीसरे चरण में अर्जेंटीना पहुंचे थे. इस यात्रा के पहले दूसरे चरण में वे क्रमशः घाना और त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा की थी.
- प्रधानमंत्री की औपचारिक गतिविधियां अर्जेंटीना के महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डे सैन मार्टिन की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने से शुरू हुई.
- जनरल सैन मार्टिन दक्षिण अमेरिका की स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे. जिन्होंने अर्जेंटीना, चिली और पेरू को स्पेनिश औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई थी. सैन मार्टिन को अर्जेंटीना का राष्ट्रपिता माना जाता है.
- ब्यूनस आयर्स शहर में एक प्रतीकात्मक स्वागत में, प्रधानमंत्री मोदी को ब्यूनस आयर्स के शहर के प्रमुख जॉर्ज मैक्री द्वारा ब्यूनस आयर्स शहर की चाबी प्रदान की गई.
द्विवीपक्ष वार्ता
- प्रधानमंत्री मोदी ने 5 जुलाई को अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता बैठक की. बैठक में द्विपक्षीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा हुई.
- दोनों नेता व्यापार और वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, रक्षा, अंतरिक्ष और स्वास्थ्य सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए. दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ करने पर भी सहमति हुई.
- दोनों देशों ने महत्वपूर्ण खनिजों, तेल और गैस, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, कृषि और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की.
- अर्जेंटीना के पास दुनिया के सबसे बड़े लिथियम भंडारों में से एक है. लिथियम उन महत्वपूर्ण खनिजों में से एक है जिसका अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक उपयोग होता है.
- अर्जेंटीना को भारत की बढ़ती ग्रीन ऊर्जा और औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने में एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में देखा जा रहा है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-मर्कोसुर व्यापार समझौते के विस्तार के लिए अर्जेंटीना के सहयोग का अनुरोध किया, उन्होंने कहा की यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद रहेगा.
- मर्कोसुर क्या है? मर्कोसुर, एक क्षेत्रीय व्यापार ब्लॉक है जिसमें अर्जेंटीना, ब्राजील, उरुग्वे और पैराग्वे शामिल हैं. 1991 में स्थापित, इसका उद्देश्य वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी और लोगों की मुक्त आवाजाही को बढ़ावा देना है.
भारत अर्जेंटीना द्विपक्षीय संबंध
- भारत ने 1949 में अर्जेंटीना के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे. दोनों देश राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं.
- भारत और अर्जेंटीना जी-20, ग्रुप ऑफ 24 और ग्रुप ऑफ 77 के सदस्य हैं.
- भारत अर्जेंटीना का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. भारत मुख्य रूप से अर्जेंटीना से खाद्य तेल (जैसे सोयाबीन और सूरजमुखी), दालें और तैयार चमड़ा आयात करता है.
अर्जेंटीना: एक दृष्टि
- आर्जेंटीना दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी भाग में स्थित एक देश है. इसके उत्तर में ब्राजील पश्चिम में चिली तथा उत्तर-पश्चिम में पराग्वे है. यह क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया का आठवाँ सबसे बड़ा देश है.
- पम्पास (gadhiya) घास के मैदान दक्षिण अमेरिका में, मुख्य रूप से अर्जेंटीना में हैं. ये घास के मैदान उपजाऊ मिट्टी के लिए जाने जाते हैं और पशु पालन और कृषि, विशेष रूप से गेहूं और मक्का के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं.
- अर्जेंटीना के राजधानी ब्यूनस आयर्स और मुद्रा अर्जेंटीना पेसो है.
भारत ने विश्व मुक्केबाजी कप में 3 स्वर्ण सहित 11 पदक जीते
- विश्व मुक्केबाजी कप (World Boxing Cup) 2025 कजाकिस्तान (Kazakhstan) की राजधानी अस्ताना में 30 जून से 7 जुलाई 2025 तक आयोजित किया गया था.
- भारतीय दल ने इस प्रतियोगिता में 3 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य पदक सहित कुल 11 पदक जीते.
- कुल आठ भारतीय मुक्केबाज फाइनल में पहुंचे थे जिसमें तीन विजेता रहे और स्वर्ण पदक जीता. पांच को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. तीनों स्वर्ण पदक महिला मुक्केबाजों ने जीते.
स्वर्ण पदक विजेता
- साक्षी चौधरी: दो बार की विश्व युवा चैंपियन साक्षी चौधरी ने 54 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में अमरीकी योसेलिन पेरेज़ को हराकर प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता. इसके साथ ही वह विश्व मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बन गईं हैं.
- जैस्मीन लेम्बोरिया: दूसरा स्वर्ण पदक जैस्मीन लेम्बोरिया ने 57 किलोग्राम वर्ग में जीता. उन्होंने फाइनल में ब्राज़ील की जुसीलेन रोमेउ को हराया.
- नूपुर: तीसरा स्वर्ण नूपुर ने 80+ किलोग्राम वर्ग में जीता. उन्होंने फाइनल में कजाकिस्तान की येलदाना तालिपोवा को हराया.
विश्व मुक्केबाजी कप 2025: एक दृष्टि
- विश्व मुक्केबाजी कप का आयोजन विश्व मुक्केबाजी (World Boxing) द्वारा किया जाता है. विश्व मुक्केबाजी एक गैर-लाभकारी, अंतर्राष्ट्रीय खेल महासंघ है.
- वर्ष 2025 में ब्राजील और कजाकिस्तान में दो विश्व मुक्केबाजी कप हुए. इन दो कप में अर्जित अंक के आधार पर शीर्ष मुक्केबाज नवंबर 2025 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगे.
- ब्राजील में आयोजित विश्व कप 2025 में भारतीय दल ने 1 स्वर्ण, 1 रजत और 4 कांस्य सहित कुल 6 पदक जीते थे. विश्व कप 2025 के ब्राजील संस्करण में किसी भी भारतीय महिला मुक्केबाज ने हिस्सा नहीं लिया था.
संक्षिप्त सामयिक घटनाचक्र
पहली नीरज चोपड़ा क्लासिक भाला फेंक प्रतियोगिता बेंगलुरु में संपन्न
बेंगलुरु में आयोजित पहली नीरज चोपड़ा क्लासिक भाला फेंक प्रतियोगिता नीरज चोपड़ा ने जीत लिया है. 5 जुलाई को खेले गए फाइनल में नीरज ने 86.18 मीटर तक भाला फेंककर पहला स्थान हासिल किया. केन्या के जूलियस येगो दूसरे और श्रीलंका के रुमेश पथिरगे तीसरे स्थान पर रहे.
इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष विराम वार्ता का पहला दौर कतर में
इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष विराम वार्ता का पहला दौर कतर के दोहा में 6 जुलाई को आयोजित हुआ था. यह वार्ता बिना किसी समझौते के समाप्त हो गया. वार्ता का उद्देश्य संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई पर किसी कारगर समझौते तक पहुचना था.
जेनिफर सायमंस सूरीनाम की पहली महिला राष्ट्रपति चुनी गई
सूरीनाम की संसद ने 6 जुलाई को जेनिफर सायमंस को देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुना. सूरीनाम के राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है. आम चुनाव के बाद नेशनल असेंबली के सदस्य राष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं.
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी, भारत और इंग्लैंड के बीच इंग्लैंड में खेला जा रहा है. एजबेस्टन खेले गए दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 336 रनों से हराकर पांच मैचों की श्रंखला एक-एक की बराबरी कर ली है. भारत की यह इस मैदान पर पहली जीत है. इस श्रंखला का पहला मैच 20 जून को लीड्स में खेला गया था.
भारतीय टीम ने एएफसी महिला एशियाई कप के लिए क्वालीफाई किया
भारतीय महिला फुटबॉल टीम ने एएफसी (Asian Football Confederation) महिला एशियाई कप के लिए क्वालीफाई कर लिया है. यह प्रतियोगिता 2026 में ऑस्ट्रेलिया में खेला जाएगा. भारत ने पहली बार योग्यता के आधार पर इस प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया है. क्वालीफायर प्रतियोगिता में भारतीय टीम ने पूर्व चैंपियन थाईलैंड को 2-1 से हराकर यह उपलब्धि प्राप्त की. भारतीय महिला फुटबॉल टीम को ब्लू टाइग्रेस उपनाम से जाना जाता है.
भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड से श्रृंखला जीती
भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की युवा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला 3-2 से जीत ली. श्रृंखला के आखिरी मैच में इंग्लैंड ने भारत को 7 विकेट से हरा दिया. अंतिम मुकाबले में, भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 9 विकेट पर 210 रन बनाए. जिसके जवाब में, मेजबान इंग्लैंड टीम ने 32वें ओवर में 7 विकेट खोकर ये लक्ष्य हासिल कर लिया. भारतीय टीम के कप्तान आयुष म्हात्रे थे.