प्रधानमंत्री की सिंगापुर यात्रा

तीन आसियान देशों (इंडोनेशिया, मलेशिया औऱ सिंगापुर) की यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 मई को सिंगापुर पहुंचे. उन्होंने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियेन लूंग के साथ सामरिक, आर्थिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में व्‍यापक मुद्दों पर वार्ता की.

भारत और सिंगापुर के बीच आठ समझौते: प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लूंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच आज आठ समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए. इनमें व्यापक आर्थिक सहयोग, वित्तीय तकनीकी सहायता, कार्मिक और प्रशासन, साइबर सुरक्षा क्षेत्र और अवैध तस्करी के क्षेत्र में समझौते शामिल हैं. दोनों राष्‍ट्रों के बीच कौशल विकास इन्‍नोवेशन, उद्यमशीलता, पानी का संरक्षण, ग्रामीण भाग में पानी का शुद्धीकरण, संशोधन और नौका बल को आवश्‍यक संचार व्‍यवस्‍था की पूर्ति के क्षेत्र में समझौतों पर हस्‍ताक्षर हुए।

शिक्षा के क्षेत्र में आदान-प्रदान समझौते: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  सिंगापुर के नन्‍यान टैक्‍नीकल विश्‍वविद्यालय का दौरा किया. इस मौके पर नेशनल टैक्‍नोलोजीकल यूनिवर्सिटी-एनटीयू ने आईआईटी चेन्‍नई, आईआईटी मुम्‍बई, इंडियन इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ साइंस बेंगलूर तथा इंडियन इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ स्‍पेस एंड टैक्‍नोलोजी तिरूवंतपुरम के साथ शिक्षा के क्षेत्र में आदान-प्रदान समझौते किए.

17वें शंगरी-ला डायलॉग को संबोधन: प्रधानमंत्री ने सिंगापुर में रणनीतिक रूप से अहम शंगरी-ला संवाद (डायलॉग) को 31 जून को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की एक्ट ईस्ट नीति को आगे बढ़ाने के साथ ही हिंद प्रशांत क्षेत्र में भू राजनैतिक समीकरणों और सुरक्षा परिदृश्य पर अपनी बात रखी. पीएम ने कहा कि सभी देशों की संप्रुभता और सीमाओं का सम्मान करना जरूरी है और सभी देशों को बराबर हक मिलना चाहिए. चीनी राष्ट्रपति शी जिन पिंग के साथ हाल ही में वुहान में हुई अनौपचारिक वार्ता का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि दोनों देश आपस में मुद्दों को सुलझा रहे हैं और सीमा पर शांति के लिए काम कर रहे हैं. पीएम ने कहा कि अगर भारत और चीन एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रहे तो एशिया और भारत दोनों का भविष्य बेहतर होगा. सिंगापुर से भारत के प्राचीन संबंधों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सिंगापुर आसियान के लिए भारत का गेट-वे है.

2002 में शुरू हुए शांगरी-लॉ संवाद का हर साल आयोजन होता है. ये पहला मौका है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इस डॉयलॉग में हिस्सा लिया है. इंटरनेशनल इंस्ट्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज (IISS) की ओर से आयोजित इस डॉयलॉग को रणनीतिक रूप से एशिया क्षेत्र के लिए बहुत अहम माना जाता है.

प्रधानमंत्री ने तीन भारतीय मोबाइल भुगतान एप को पेश किया: प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर में तीन भारतीय मोबाइल भुगतान एप- भीम, रूपे और यूपीआई को पेश किया. इस पहल का उद्देश्य देश के डिजिटल भुगतान प्लेटफार्म का अन्तर्राष्ट्रीयकरण करना है. भारत की रूपे डिजिटल भुगतान प्रणाली को सिंगापुर की 33 साल पुरानी नेटवर्क फोर इलेक्ट्रोनिक ट्रांसफर्स (एनईटीएस) से जोड़ा गया है. अब सिंगापुर में भी रूपे कार्ड और भीम एप का उपयोग किया जा सकता है।

क्लिफोर्ड पीयेर में एक पट्टिका का विमोचन: सिंगापुर यात्रा के अंतिम दिन 2 जून को श्री मोदी ने वरिष्‍ठ मंत्री गोह चोक टोंग के साथ क्लिफोर्ड पीयेर में एक पट्टिका का विमोचन किया. इसका विमोचन 1948 में इसी स्‍थान पर महात्‍मा गांधी की अस्थियों को प्रवाहित करने की स्‍मृति में किया गया।

अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस से मुलाकात: तीन दिवसीय सिंगापुर यात्रा के आखिरी दिन 2 जून को प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस से मुलाकात की. वार्षिक शंगरी-ला संवाद के अवसर पर श्री मोदी की अमरीकी रक्षा मंत्री से अकेले में भेंट हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी हित के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया.

प्रधानमंत्री इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर की अपनी सफल यात्रा के बाद 2 जून को स्‍वदेश लौट आए. प्रधानमंत्री की 3 दिन की सिंगापुर यात्रा सफल रही। भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग साकार करने वाली काफी विषयों पर सहमति बनी और समझौतों पर हस्‍ताक्षर भी हुए। प्रधानमंत्री ने सिंगापुर की इस यात्रा में प्रसिद्ध मरियम्मन मंदिर के साथ पुरानी चूलिया मस्जिद का भी दौरा किया। पीएम मोदी बौद्ध मंदिर भी गये। बाद में इंडियन हेरिटेज सेंटर भी पहुंचे और उन्होंने RuPay कार्ड से मधुबनी पेंटिंग खरीदी।

अमरीकी प्रशांत कमान अब कह​लाएगी हिंद-प्रशांत कमान

अमेरिका ने अपनी सबसे पुरानी और विशालतम सैनिक कमान ‘अमरीकी प्रशांत कमान’ (यूएस पैसिफिक कमांड) का नाम बदलने की 31 मई को घोषणा की. अब ये हिंद-प्रशांत कमान (इंडो-यूएस पैसिफिक कमांड) के नाम से जानी जाएगी. अमेरिका का यह कदम भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है. अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा कि हिंद और प्रशांत महासागर के बीच बढ़ते संपर्क को देखते हुए ये फैसला लिया है. उल्लेखनीय है कि 2016 में संयुक्त राज्य ने सैन्य सहयोग में सुधार, सूचना साझा करने में वृद्धि के उद्देश्य से भारत को ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ भी नामित किया था. दरअसल, अमेरिका चीन के एशियाई क्षेत्र में बढ़ते सैन्य दखल से चिंतित है. ऐसे में उसे चीन के मुकाबले के लिए भारत से आस है.

फिल डेविडसन होंगे इस कमान के कमांडर: अमेरिका ने एडमिरल फिल डेविडसन को इस कमान का नया कमांडर नियुक्त किया है. उन्होंने हैरी हैरिस का स्थान लिया है. हैरी हैरिस को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के लिए राजदूत चुना है. गौरतलब है कि एडमिरल हैरी हैरिस ने चीन को अमेरिका के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया है. हैरी हैरिस का कहना है कि परमाणु ताकत आजमाने की धमकी देने वाले उत्तर कोरिया से ज्यादा बड़ी चुनौती अमेरिका लिए लंबे समय में चीन होने वाली है.

चीन ने हिन्द महासागर में 10 भूकंप मापी यंत्र लगाए

चीन ने हिंद महासागर में दस समुद्री भूकंप मापी यंत्र स्थापित किए हैं. इनका प्रयोग भूकंप मापने, ज्वालामुखी के फटने का पता करने या विस्फोटक के उपयोग के संबंध में होगा. चीन के 49 वें समुद्री अभियान दल ने दक्षिण-पश्चिम हिन्द महासागर में समुद्री तल पर भूकंप माप यंत्र स्थापित किया है. यह पहली बार है जब चीन ने दक्षिण पश्चिम हिन्द महासागर के जुनहुई हाइड्रो-थर्मल फील्ड में भूकंप माप उपकरण लगाए हैं.
उल्लेखनीय है कि भूकंप मापी यंत्र (सीस्मोमीटर) का जीवनकाल सात महीने से एक साल का होता है और इसके बाद उसे आगे के अनुसंधान के लिए हटा लिया जाता है.

मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास फिलीपीन में आयोजित किया जाएगा

मालाबार नौसेना अभ्यास 7 से 15 जून तक फिलीपीन में गुयाम तट पर आयोजित किया जाएगा. इस सैन्य अभ्यास में भारत, अमेरिका और जापान की नौसेना भाग लेगी. इस वार्षिक अभ्यास में बड़ी संख्या में तीनों देशों के विमान, नौसेना की परमाणु पनडुब्बियां और जंगी जहाज हिस्सा लेते हैं.

आयकर विभाग का ‘आयकर भेदिया इनाम स्कीम 2018’ की शुरुआत

आयकर विभाग ने 1 जून को ‘आयकर भेदिया इनाम स्कीम 2018’ की शुरुआत की. इस स्कीम का उद्देश्य कालेधन का पता लगाना और कर चोरी के मामलों में कमी लाना है. इसके तहत आयकर चोरी की जानकारी देने वालों को 50 लाख रुपए तक तथा विदेशों में आय जमा करने या संपत्ति के बारे में जानकारी देने वालों को पांच करोड़ रुपए तक का इनाम मिलेगा. देश में जमा काला धन की जानकारी देने वालों को एक करोड़ का इनाम मिलेगा. इस योजना में विदेशी भी इनाम के हकदार होंगें. जानकारी देने वालों की सूचना गुप्त रखी जाएगी.

हैंड वॉश और टूथपेस्ट में पाए जाने ट्राइक्लोजन से मलाशय के कैंसर का खतरा

हाल ही में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट के अनुसार हैंड वॉश और टूथपेस्ट में पाए जाने ट्राइक्लोजन से मलाशय के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. ट्राइक्लोजन एक जीवाणुरोधी संघटक है जो गट बैक्टीरिया (अंतड़ियों में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव) बदल सकते हैं जिनसे मलाशय के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मेसाचुसेट्स अम्हर्स्ट के गुओदांग झांग ने कहा कि इन नतीजों से पहली बार पता चला कि ट्राइक्लोजन से हमारी अंतड़ियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि जीवाणुरोधी संघटक के रूप में ट्राइक्लोजन का व्यापक इस्तेमाल हो रहा है और यह 2,000 से ज्यादा उपभोक्ता उत्पादों में पाया जाता है.

भारतीय वायु सेना का पहला अर्द्धवार्षिक कमांडर सम्मेलन

भारतीय वायु सेना का पहला अर्द्धवार्षिक कमांडर सम्मेलन नई दिल्ली के वायु भवन में आयोजित किया गया. रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 जून को इस सम्मेलन का उद्घाटन किया. वायु सेना के कमांडरों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने हाल ही में वायु सेना के बड़े अभ्यास के अनुकरणीय संचालन की तारीफ की. उन्होंने रात-दिन चलने वाले ऑपरेशन को पेशेवर तरीके से चलाने के लिए सभी कर्मचारियों की तारीफ की.

देश-दुनिया: एक दृष्टि

सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने को मंजूरी: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए डेढ़ लाख मकान बनाने को मंजूरी दे दी है. ये मकान बनाने पर 72 अरब 27 करोड़ रुपए खर्च होंगे जिनमें से 22 अरब 9 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी.

ग्रामीण सड़क परियोजना के लिए विश्‍व बैंक से ऋण समझौते: भारत और विश्व बैंक ने 1 जून को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत ग्रामीण सड़क परियोजना के लिए 50 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लागू की जा रही इस परियोजना के अंतर्गत सभी मौसमों के लिए सात हजार किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा.

यूरोपीय आयोग अमरीका के आयात शुल्‍क फैसले के खिलाफ: यूरोपीय आयोग स्‍टील और एल्‍यूमिनियम पर आयात पर शुल्‍क लगाने के अमरीका के फैसले पर जवाबी कार्रवाई करेगा. आयोग के अध्‍यक्ष ज्‍यॉं क्‍लूद जुकेर ने कहा कि यूरोपीय संघ के पास इस मामले को विश्‍व व्‍यापार संगठन में ले जाने और अमरीका से आयातित सामानों पर शुल्‍क लगाने के अलावा और कोई चारा नहीं है.