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लेफ्ट‍िनेंट जनरल अनिल चौहान देश के अगले CDS नियुक्त किए गए

सरकार ने सेवा निवृत्त लेफ्ट‍िनेंट जनरल अनिल चौहान को अगला प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) नियुक्त किया है. वे प्रभार ग्रहण करने की तिथि से सैन्य विभाग सचिव के रूप में भी काम करेंगे.

लगभग चालीस वर्ष के अपने करियर में लेफ्ट‍िनेंट जनरल अनिल चौहान ने सेना के विभिन्न पदों पर काम किया है. उन्हें जम्‍मू-कश्‍मीर और पूर्वोत्तर में उग्रवादरोधी कार्रवाई का भी व्यापक अनुभव है.

8 दिसम्‍बर 2021 को हेलिकॉप्‍टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत की मृत्‍यु के बाद से प्रमुख सेना अध्‍यक्ष का पद रिक्त था. बिपिन रावत देश के पहले CDS थे.

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS): एक दृष्टि

  • CDS थल, जल और वायु, तीनों सेनाओं की तरफ से रक्षा मंत्री के सलाहकार हैं. उनके सामने देश की तीनों सेनाओं में साझी सोच विकसित करने और उन्हें एकीकृत तरीके से ऑपरेशनों को अंजाम देने में सक्षम बनाने की जिम्मेदारी होती है.
  • CDS, 65 साल की आयु तक सेवा दे सकेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को CDS का पद सृजित करने को मंजूरी दी थी.
  • CDS को तीन सैन्य प्रमुखों की तर्ज पर कैबिनेट सेक्रटरी का रैंक दिया गया है.

जनरल बिपिन रावत ने देश के पहले ‘रक्षा सेवा प्रमुख’ का कार्यभार संभाला

जनरल बिपिन रावत ने 1 जनवरी 2020 को देश के पहले ‘रक्षा सेवा प्रमुख’ (चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टॉफ- CDS) का कार्यभार संभाल लिया. सरकार ने हाल ही में उन्हें देश का पहला CDS नियुक्त किया था. CDS के जिम्मे तीनों बलों थलसेना, नौसेना और वायु सेना से जुड़े कार्य तथा वर्तमान नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप सेवाओं के लिए विशेष खरीद जैसे कार्य आएंगे. सरकार ने CDS के लिए एक नए विभाग का भी सृजन किया है. CDS का ऑफिस साउथ ब्लॉक में होगा.

जनरल बिपिन रावत 65 साल की उम्र पूरी होने तक CDS के पद पर बने रह सकते हैं. CDS अत्यंत महत्वपूर्ण पद है, जिसका काम तीनों सेनाओं के बीच तालमेल करना होगा. इसके साथ ही सीडीएस रक्षा मंत्री के लिए प्रधान सैन्य सलाहकार की भूमिका निभाएंगे. वे सेना के तीनों अंगों थल सेना, वायु सेना और नौसेना के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में काम करेंगे. CDS के पास कोई मिलिट्री कमांड नहीं होगी.

CDS की यूनिफॉर्म

CDS की बेसिक यूनिफॉर्म उनकी पैरंट सर्विस की ही रहेगी, बस उसमें रैंक के बैज और लोगो चेंज होंगे. यानी CDS यदि थलसेना से बनता है उनकी बेसिक यूनिफॉर्म थलसेना की होगी. यानी CDS बनने के बाद भी जनरल रावत ओलिव ग्रीन यूनिफॉर्म में दिखेंगे. अगर कभी एयरफोर्स या नेवी से CDS बने तो उनकी बेसिक यूनिफॉर्म भी उनकी सर्विस की ही रहेगी.
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जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) होंगे

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की घोषणा 30 दिसम्बर को कर दी गयी. जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS होंगे. CDS देश का सर्वोच्च सैन्य अधिकारी होंगे और थलसेना, वायुसेना तथा नौसेना के बीच बेहतर समन्‍वय करने पर ध्‍यान देंगे. इसके साथ भारत अब यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, इटली और स्‍पेन जैसे देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास अपने CDS हैं.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद और दायित्व

CDS थल, जल और वायु, तीनों सेनाओं की तरफ से रक्षा मंत्री के सलाहकार होंगे. उनके सामने देश की तीनों सेनाओं में साझी सोच विकसित करने और उन्हें एकीकृत तरीके से ऑपरेशनों को अंजाम देने में सक्षम बनाने की जिम्मेदारी होगी. CDS भारतीय सेनाओं में स्वदेशी साजो-सामान का उपयोग बढ़ाने का भी दायित्व होगा.

तीनों सेनाओं के प्रमुख भी अपनी-अपनी सेनाओं से संबंधित सलाह रक्षा मंत्री को पहले की तरह ही देते रहेंगे. CDS संबंधित अथॉरिटीज को तीनों सेनाओं की जानकारियां उपलब्ध कराएगा. वह डिफेंस ऐक्विजीशन काउंसिल और डिफेंस प्लानिंग काउंसिल के सदस्य होगा. CDS प्रशिक्षण, रसद और तीनों सेनाओं की खरीद में संयुक्तता सुनिश्चित करेगा.

CDS का कार्यकाल और आयु-सीमा

रक्षा मंत्रालय ने 29 दिसम्बर को सेना नियमों, 1954 में कार्यकाल और सेवा के नियमों में संशोधन किया. संशोधन के तहत CDS या ट्राई-सर्विसेज प्रमुख 65 साल की आयु तक सेवा दे सकेंगे. पहले तीन सेवाओं के प्रमुख 62 साल की आयु तक या अधिकतम तीन साल तक सेवा दे सकते थे.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद का सृजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को CDS का पद सृजित करने को मंजूरी दी थी. प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के अपने भाषण में सबसे पहले इसका जिक्र किया था.

1999 के करगिल युद्ध के मद्देनजर देश की सुरक्षा प्रणाली में खामियों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति ने रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में CDS की नियुक्ति का सुझाव दिया था.

CDS का चुनाव और सेवानिवृति के बाद का दायित्व

कोई फोर स्टार जनरल CDS के पद नियुक्त हो सकता है. यह थल सेना, वायुसेना या नौसेना किसी से भी हो सकता है. CDS के पद से हटने के बाद उसे किसी भी सरकारी सेवा में जाने का अधिकार नहीं होगा. वह CDS का पद छोड़ने के पांच साल बाद ही कोई प्राइवेट सर्विस जॉइन कर सकता है. इसके लिए उसे सरकार से पूर्वानुमति लेनी होगी.

डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के प्रमुख होंगे

CDS, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) के प्रमुख होंगे. यह विभाग CDS को अपनी भूमिका/कार्यों को पूर्ण करने में सक्षम बनाएगा इस विभाग में हर स्तर पर नौकरशाह और सैन्य अधिकारी, दोनों होंगे. विभाग सैन्य साजो-सामान की खरीद, सैन्य बलों के प्रशिक्षण और नियुक्तियों में तीनों सेनाओं की जरूरतों के मद्देनजर फैसले लेगा. सरकार ने रक्षा सचिव के चार्टर में संशोधन कर DMA के नाम से रक्षा मंत्रालय में एक नया विभाग बनाया था.

CDS को कैबिनेट सेक्रटरी रैंक दिया गया

CDS को तीन सैन्य प्रमुखों की तर्ज पर कैबिनेट सेक्रटरी का रैंक दिया गया है. डिफेंस सेक्रटरी के दायरे से चार तत्वों को निकाल दिया गया है, उनमें तीनों सशस्त्र सेवाएं, उनके संबंधित मुख्यालय, प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) और थल, जल एवं वायु सेना से संबंधित कार्य शामिल हैं. ये अब CDS के अधीन वाले DMA के दायरे में आ गए हैं.

चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के स्थाई अध्यक्ष

CDS, चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के स्थाई अध्यक्ष होंगे. इस भूमिका में उन्हें इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ से मदद मिलेगी.

सरकार ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का नया पद बनाने को मंजूरी दी

कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी ने 24 दिसम्बर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का नया पद बनाने को मंजूरी दी. इस पद का मकसद भारत के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना है.

CDS मुख्यत: रक्षा और रणनीतिक मामलों में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में काम करेगा. 1999 के करगिल युद्ध के मद्देनजर देश की सुरक्षा प्रणाली में खामियों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति ने रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में CDS की नियुक्ति का सुझाव दिया था.

अजीत डोभाल की समिति का गठन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक सैन्य सुधार की घोषणा करते हुए कहा था कि भारत की तीनों सेना के लिए एक प्रमुख होगा, जिसे CDS कहा जाएगा. प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद CDS की नियुक्ति के तौर-तरीकों और उसकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था.

CDS की भूमिका

CDS की सबसे अहम् भूमिका युद्ध के समय होगी. युद्ध के समय तीनों सेनाओं के बीच प्रभावी समन्वय कायम करना CDS की जिम्मेदारी होगी. इससे दुश्मनों का सक्षम तरीके से मुकाबला करने में मदद मिलेगी.

दरअसल सशस्त्र बलों की तालमेल योजना में कई बार खामियां सामने आईं है. 1962 में चीन के साथ भारत का युद्ध हुआ था. उस युद्ध में भारतीय वायुसेना को कोई भूमिका नहीं दी गई थी जबकि भारतीय वायुसेना तिब्बत की पठारी पर जमा हुए चीनी सैनिकों को निशाना बना सकती थी और उनके बीच तबाही मचा सकती थी. इसी तरह से पाकिस्तान के साथ 1965 के युद्ध में भारतीय नौसेना को पाकिस्तान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर हमले की योजना से अवगत नहीं कराया गया. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रहते हुए इस तरह की कोई खामी नहीं रहेगी और सेना प्रभावी ढंग से दुश्मन से निपट सकेगी.

तीनों सेनाओं के शीर्ष स्तर पर ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ का नया पद

प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का नया पद बनाया जायेगा. इस पद के गठन के बाद तीनों सेनाओं (थल सेना, वायुसेना तथा नौसेना) के शीर्ष स्तर पर एक प्रभावी नेतृत्व मिलेगा.

CDS बनाने का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल को बनाना है. यह देश का सर्वोच्च सैन्य अधिकारी होगा. वह तीनों सेनाओं को परामर्श प्रदान करेगा। यह अधिकारी प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के लिए सैन्य सलाहकार का कार्य भी करेगा।

वर्तमान में तीन सेनाओं के प्रमुखों में से सबसे वरिष्ठ को COSC (Chairman of the Chiefs of Staff Committee) नियुक्त किया जाता है. एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ वर्तमान COSC हैं.