डेली कर्रेंट अफेयर्स
16-17 नवंबर 2025
WHO वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2025: तपेदिक के मामलों में 21% की कमी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में वैश्विक टीबी रिपोर्ट (Global TB Report) 2025 जारी की थी.
मुख्य बिन्दु
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले एक दशक (2015-2024) में तपेदिक के कुल मामलों में 21% की कमी आई है जो वैश्विक औसत 12% से लगभग दोगुना है. यानी भारत ने वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी तेजी से सुधार किया है.
- भारत में तपेदिक रोगियों की संख्या 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 से घटकर 2024 में प्रति लाख 187 हो गई है.
- टीबी से होने वाली मौतों में भी कमी आई है. 2015 में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 28 मौतें होती थीं, जो अब घटकर 21 हो गई हैं.
- सरकार देश से टीबी को खत्म करने के लिए टीबी मुक्त भारत अभियान, आयुष्मान आरोग्य मंदिर और निक्षय पोषण योजना सहित कई पहलों को लागू कर रही है.
- भारत अभी भी दुनिया के उन देशों में शामिल है जहाँ टीबी के मामले अधिक हैं, इसलिए 2025 तक टीबी उन्मूलन (TB Elimination) के लक्ष्य को पूरी तरह हासिल करने के लिए अभी भी प्रयास जारी हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित, सत्तारूढ़ गठबंधन को बहुमत
निर्वाचन आयोग ने 14 नवंबर 2025 को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम घोषित कर दिए. बिहार विधानसभा के सभी 243 सीटों के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को हुए थे.
मुख्य बिन्दु
- सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 202 जीतकर बहुमत हासिल हासिल की.
- गठबंधन के घटक दल भारतीय जनता पार्टी 89 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) ने 85 सीट जीतीं. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19 सीट मिली. HAM (जीतन राम मांझी) ने 5 सीटें और RLM ने 4 सीटें जीती.
- विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन को केवल 35 सीट हासिल हुई. राजद (RJD) ने 25 सीटें, कांग्रेस (INC) ने 6 सीटें और वाम दल (Left) ने 4 सीटें जीती. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 5 सीटें जीती.
नियाग्रा में जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई
जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक (G7 Foreign Ministers’ Meeting) 2025 11 और 12 नवंबर 2025 को नियाग्रा (कनाडा) में आयोजित की गई थी. बैठक की मेजबानी कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने की थी.
- जी-7 देश (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कनाडा) और यूरोपीय संघ इस बैठक के मुख्य प्रतिभागी थे.
- भारत, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको आदि आमंत्रित अतिथि देश (Outreach Partners) थे. भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इसमें भाग लिया.
चर्चा के मुख्य विषय
- इस बैठक में वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों पर विशेष जोर दिया गया.
- मंत्रियों ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific) की वकालत की और पूर्वी तथा दक्षिणी चीन सागर में किसी भी एकतरफा बलपूर्वक बदलाव का कड़ा विरोध किया.
- गाजा संघर्ष पर चर्चा हुई, जिसमें युद्धविराम और मानवीय सहायता पर जोर दिया गया. क्षेत्र में शांति के लिए कूटनीतिक समाधानों का समर्थन किया.
- यूक्रेन के लिए निरंतर समर्थन की पुष्टि की गई और रूस को सैन्य सहायता देने वाले तीसरे पक्षों (जैसे उत्तर कोरिया और ईरान) की आलोचना की गई.
- महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने और किसी एक देश पर निर्भरता कम करने पर सहमति बनी.
- बैठक के अंत में जारी संयुक्त बयान (Joint Statement) में समुद्री सुरक्षा, साइबर खतरों और गलत सूचनाओं से निपटने के लिए जी-7 देशों की एकजुटता को दोहराया गया.
भारत की भूमिका
- विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने फ्रांस, जर्मनी और कनाडा के विदेश मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं.
- ‘आउटरीच सत्र’ में डॉ. जयशंकर ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और डिजिटल सुरक्षा पर भारत के दृष्टिकोण को रखा.
- तनावपूर्ण संबंधों के बीच, डॉ. जयशंकर ने कनाडाई विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात की, जिसे दोनों देशों के बीच संवाद बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा गया.
