प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जुलाई को तमिलनाडु में आदि तिरुवथिरई उत्सव के समापन समारोह में भाग लिया था.
यह उत्सव चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के उपलक्ष्य में अरियालुर ज़िले के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आयोजित किया गया था. गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर चोल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.
यह विशेष उत्सव राजेंद्र चोल प्रथम के दक्षिण पूर्व एशिया के पौराणिक समुद्री अभियान के एक हजार वर्ष पूरे होने और गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के निर्माण की शुरुआत का स्मरण कराता है.
राजेंद्र चोल प्रथम
राजेंद्र चोल प्रथम ने वर्ष 1014 से 1044 तक शासन किया था. वे भारतीय इतिहास के सबसे शक्तिशाली और दूरदर्शी शासकों में से एक थे.
उनके नेतृत्व में, चोल साम्राज्य ने दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाया. उन्होंने अपने विजयी अभियानों के बाद गंगईकोंडा चोलपुरम को अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया था.
उत्तर भारत में गंगा नदी पर अपने सफल अभियान के बाद, राजेंद्र को ‘गंगईकोंडा चोल’ (गंगा नदी पर विजय प्राप्त करने वाले चोल) की उपाधि मिली थी.
दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में अपने सफल अभियान के बाद, उन्हें ‘कदारम कोंडन’ (केदाह पर विजय प्राप्त करने वाले) की उपाधि मिली.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2025-07-29 13:28:092025-07-29 14:33:22प्रधानमंत्री ने चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती समारोह में भाग लिया