डेली कर्रेंट अफेयर्स
25-27 जून 2025
चिंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक चीन के चिंगदाओ में 25-26 जून को आयोजित की गई थी.
- बैठक के दौरान SCO के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकरोधी प्रयासों और रक्षा मंत्रालयों के बीच बढ़ते सहयोग जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.
- बैठक में उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया. उन्होंने बैठक से अलग चीन और रूस के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक की.
- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीमापार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के लिये वित्त पोषण किसी भी कीमत पर बंद होना चाहिए.
- उन्होंने आतंकवाद, कट्टरता और चरमपंथ के विरूद्ध एकीकृत वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया.
सम्मेलन संयुक्त विज्ञप्ति के बिना ही समाप्त हुआ
- इस बैठक में भारत के कुछ मुद्दों पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण साझा दस्तावेज को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका.
- भारत ने बैठक में संयुक्त घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है. इस घोषणा-पत्र में सीमापार आतंकी गतिविधियों का कोई उल्लेख नहीं था.
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा संयुक्त घोषणा-पत्र का समर्थन करने से इनकार करने के कारण सम्मेलन संयुक्त विज्ञप्ति के बिना ही समाप्त हो गया.
शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि
- शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है जो जून 2001 में ‘शंघाई फाइव’ (Shanghai Five) के विस्तार के बाद अस्तित्व में आया था.
- ‘शंघाई फाइव’ का गठन रूस, चीन, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान ने साथ मिलकर वर्ष 1996 में किया था.
- वर्तमान में विश्व के 10 देश (कजाकिस्तान, चीन, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत, पाकिस्तान, ईरान और बेलारूस) SCO के सदस्य हैं. SCO का मुख्यालय बीजिंग में है.
- मंगोलिया और अफगानिस्तान (2021 से निलंबित) SCO में पर्यवेक्षक (Observer) के रूप में शामिल हैं.
- भारत और पाकिस्तान साल 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने थे. उससे पहले भारत को 2005 में एससीओ में एक पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल किया गया था.
- SCO के दो मुख्य निकाय हैं- SCO राष्ट्राध्यक्ष परिषद और SCO शासनाध्यक्ष परिषद. SCO राष्ट्राध्यक्ष परिषद के प्रमुखों और SCO शासनाध्यक्षों की परिषद की अध्यक्षता रूसी वर्णमाला के अनुसार सदस्य देशों के बीच सालाना बारी-बारी से आयोजित की जाती है.
- SCO राष्ट्राध्यक्ष की परिषद एससीओ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है. भारतीय प्रधानमंत्री इसमें भाग लेते हैं.
- 24वीं एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक जुलाई 2024 को अस्ताना, कजाकिस्तान में आयोजित की गई थी, और 25वीं एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक 2025 में चीन में आयोजित की जाएगी.
- यह समूह अपने सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है.
- बहुत सारे पश्चिमी देशों के विशेषज्ञों का यह मानना है की SCO को चीन और रूस के द्वारा एक पश्चिम विरोधी गठबंधन के रूप में तैयार किया जा रहा है.
25वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद बैठक वाराणसी में आयोजित की गई
- 25वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक (25th Central Zonal Council Meeting) 24 जून 2025 को वाराणसी में आयोजित की गई थी. इसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की.
- बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और केंद्र और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
- इस बैठक में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व के 19 मुद्दों पर चर्चा की गई. महिलाओं के खिलाफ बलात्कार के मामलों से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का कार्यान्वयन; गांव के निर्दिष्ट दायरे में बैंक शाखाओं की स्थापना; आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस-112) का कार्यान्वयन इसमें मुख्य मुद्दे थे.
- मध्य क्षेत्र देश की एकमात्र क्षेत्रीय परिषद है, जिसके सदस्य राज्यों के बीच कोई विवाद नहीं है.
क्षेत्रीय परिषदें (Zonal Councils): एक दृष्टि
- क्षेत्रीय परिषदें (Zonal Councils), केन्द्र एवं राज्यों के बीच आपसी मतभेदों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विचार-विमर्शों तथा परामर्शों के माध्यम से सुलझाने के लिए एक मंच प्रदान करती है.
- इनकी बैठकों में संसाधनों के वितरण, करों में हिस्सेदारी, राज्यों के पारस्परिक विवादों, वामपंथी उग्रवाद, कानून और व्यवस्था पर चर्चा की जाती है.
- वर्तमान में, भारत में छः क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी) हैं.
- पांच क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी) का गठन राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अंतर्गत 1957 में हुआ था. उत्तर-पूर्वी परिषद का गठन 1971 के उत्तर-पूर्वी परिषद अधिनियम द्वारा हुआ था.
- उत्तरी क्षेत्रीय परिषद: इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान राज्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख शामिल हैं.
- मध्य क्षेत्रीय परिषद: इसमें छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं.
- पूर्वी क्षेत्रीय परिषद: इसमें बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं.
- पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद: इसमें गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य और संघ राज्य क्षेत्र दमन-दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली शामिल है.
- दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद: इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, राज्य और संघ राज्य क्षेत्र पुद्दुचेरी शामिल हैं.
- उत्तर-पूर्वी परिषद: असम, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और सिक्किम शामिल हैं.
क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष और अन्य सदस्य
- केन्द्रीय गृह मंत्री इन सभी परिषदों के अध्यक्ष होते हैं. प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में शामिल किये गए राज्यों के मुख्यमंत्री, रोटेशन से एक वर्ष की अवधि के लिये उस क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं.
- मुख्यमंत्री और प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा यथा नामित दो अन्य मंत्री और परिषद में शामिल किये गए संघ राज्य क्षेत्रों से दो सदस्य.
क्षेत्रीय परिषद के उद्देश्य
- राष्ट्रीय एकीकरण को साकार करना. तीव्र राज्य संचेतना, क्षेत्रवाद तथा विशेष प्रकार की प्रवृत्तियों के विकास को रोकना.
शुभांशु शुक्ला अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में 26 जून को ऐतिहासिक क्षण जुड गया, जब भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव प्राप्त किया.
एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन
- भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजेने के लिए एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च किया गया था.
- इस मिशन के माध्यम से अमरीका, भारत, पोलैंड और हंगरी के चार लोगों को वैज्ञानिक प्रयोगों और अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र में भेजा गया है.
- एक्सिओम-4 मिशन को 25 जून को अमरीका में फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था. 28 घंटे की यात्रा के बाद यह मिशन 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र पहुंचा.
- एक्सियम-4 मिशन में भारत के शुभांशु शुक्ला, पोलैंड के स्लावोस उजानान्स्की, हंगरी के तिबोर कापू और अमरीका के पेगी ह्विस्टन शामिल हैं. शुभांशु शुक्ला इस मिशन के चालक हैं. पेगी ह्विस्टन नासा के पूर्व अंतरिक्ष हैं जो मिशन कमांडर हैं.
- एक्सिओम मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारत की इसरो की एक संयुक्त पहल है. इस मिशन को निजी अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस इंक द्वारा प्रक्षेपित किया गया है.
- ये अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र पर रहेंगे और पृथ्वी की निचली कक्षा में कई प्रकार के वैज्ञानिक प्रयोग तथा अनुसंधान करेंगे. इनमें, सूक्ष्म गुरुत्व से संबंधित शोध, प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रदर्शन और अन्य प्रयोग शामिल हैं.
स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान
- चारों अन्तरिक्ष यात्री, स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान (क्रू ड्रैगन) में सवार हो कर फाल्कन 9 रॉकेट के द्वारा अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया. इस अंतरिक्षयान को 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक यानि जोडा गया.
- स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान जिसे ड्रैगन कैप्सूल भी कहा जाता है, एक पुनः प्रयोज्य अंतरिक्ष यान है जिसे स्पेसएक्स द्वारा विकसित किया गया है.
- यह अंतरिक्ष यात्रियों और कार्गो को पृथ्वी से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक ले जाने और वापस लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
- यह पहला निजी अंतरिक्ष यान है जिसने इंसानों को आईएसएस तक पहुंचाया है. स्पेसएक्स कंपनी के मालिक अमेरिकी उद्योगपति एलोन मस्क हैं.
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र पहुंचने वाले पहले भारतीय
- ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र (ISS) पहुंचने के साथ ही इस केन्द्र में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं.
- राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के तहत सोयुज टी-11 यान से अंतरिक्ष गए थे.
शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन के पद पर है. वह भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्री भी हैं.
अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन क्या है?
- अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (ISS) बाहरी अन्तरिक्ष में पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला मानव निर्मित उपग्रह है. इसे अनुसंधान और शोध के लिए बनाया गया है. इसे पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया गया है.
- ISS विश्व की कई स्पेस एजेंसियों का संयुक्त उपक्रम है. इसे बनाने में संयुक्त राज्य अमेरिका की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (RKA), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (CSA) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA) काम कर रही हैं.
- यह 109 मीटर लंबा और 51 मीटर चौड़ा है. यह पृथ्वी से 370-460 किमी की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है.
एक्जिम बैंक ने नई दिल्ली में व्यापार सम्मेलन 2025 आयोजित किया
- भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) ने 24 जून 2025 को नई दिल्ली में व्यापार सम्मेलन 2025 आयोजित किया था. इस सम्मेलन का विषय था ‘विकसित भारत के लिए निर्यात आधारित विकास का निर्माण’.
- केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सम्मेलन को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए निम्न मुख्य कदमों की रूपरेखा बताई:
- परिवहन और रसद (logistics) में निवेश जिसने आपूर्ति श्रृंखला दक्षता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार.
- सूक्ष्म और लघु मध्यम उद्यमों (MSME) के पंजीकरण, ऋण गारंटी योजनाओं आदि में सुधार.
- जिले को निर्यात केंद्र के रूप में नामित करने की सरकार की नीति ने निर्यातकों को विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) से परे काम करने में सक्षम बनाना.
- कई देशों और क्षेत्रीय समूहों के साथ एक मुक्त व्यापार क्षेत्र (FTA) पर बातचीत.
एक्सिम बैंक (Exim Bank): एक दृष्टि
- एक्सिम बैंक (Exim Bank) का पूरा नाम भारतीय निर्यात-आयात बैंक है. इसकी स्थापना भारतीय निर्यात-आयात बैंक अधिनियम 1981 के तहत 1982 में हुई थी. यह भारत सरकार का एक वैधानिक निकाय है.
- इसका मुख्य उद्देश्य भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना है. यह निर्यातकों को ऋण, गारंटी और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है.
- एक्जिम बैंक विदेशी सरकारों, वित्तीय संस्थानों और अन्य विदेशी संस्थाओं को क्रेडिट लाइनों की पेशकश करता है ताकि वे भारतीय निर्यातकों से वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकें.
25 जून: संविधान हत्या दिवस
- 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाया गया. यह दिन हमें उन घटनाओं की याद दिलाता है, जब 25 जून 1975 को संविधान का गला घोंटकर देश पर आपातकाल थोप दिया गया था.
- इस दिवस पर उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने आपातकाल की ज्यादतियों के कारण कष्ट झेले. यह भारतीय इतिहास का सबसे काला समय था.
- 1975 में, आज ही के दिन तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने आंतरिक अशांति के खतरे का हवाला देते हुए अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा की थी.
- आपातकाल की घोषणा बढ़ती राजनीतिक अशांति और न्यायिक घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में की गई थी जिसने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सत्तारूढ़ नेतृत्व की वैधता को हिला कर रख दिया था.
- आपातकाल के दौरान, अभिव्यक्ति की आजादी जैसे संवैधानिक व्यवस्था को निलंबित कर दिया गया. सभी समाचार पत्रों पर सेंसरशिप लगा दी गई. यहां तक कि वैधानिक निगरानी संस्था, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भी समाप्त कर दिया गया था.
- इस दौरान कार्यपालिका को अत्यधिक शक्तियां प्राप्त हुई और करीबन सब कुछ केंद्रीय नियंत्रण में ले लिया गया था.
- आपातकाल के दौरान हुए संवैधानिक संशोधनों ने अदालतों को आपातकाल घोषित करने के राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल उठाने से रोक दिया था और प्रधानमंत्री तथा लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को न्यायिक जांच से बाहर कर दिया था.
- आपातकाल देश के इतिहास का सबसे काला युग था जब लोकतंत्र का समर्थन करने वालों पर अत्याचार किए गए थे.
- आपातकाल 21 महीने चला था. इस दौरान पूरे देश में आतंक, भय, अत्याचार और बेगुनाहों के साथ अन्याय हुआ.
- लाखों लोग ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया. हजारों लोग जेल गए. लोकतंत्र के समर्थकों पर इतना अत्याचार किया गया, यातनाए दी गई कि बहुत लोगों की मौत हो गई.
संक्षिप्त सामयिक घटनाचक्र
नीरज चोपड़ा ने ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता
नीरज चोपड़ा ने ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है. नीरज ने सर्वश्रेष्ठ प्रयास में 85.29 मीटर दूर भाला फेंका. प्रतियोगिता में दक्षिण अफ्रीका के दोउ स्मित दूसरे और ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स तीसरे स्थान पर रहे. नीरज का यह लगातार दूसरा खिताब है. इससे पहले पैरिस डायमंड लीग में नीरज ने अपने करियर में पहली बार 90 मीटर से अधिक दूर भाला फेंका था.
जाह्नवी डांगेटी पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री होंगी
भारत की जाह्नवी डांगेटी 2029 में टाइटन्स स्पेस मिशन पर जाने वाली पहली भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगी. नासा के इंटरनेशनल एयर एंड स्पेस प्रोग्राम से स्नातक जाह्नवी ने वैश्विक स्तर पर प्रशिक्षण लिया है.
भारत ने अंडर-17 एशियाई महिला कुश्ती चैंपियनशिप का खिताब जीता
वियतनाम में भारतीय महिला कुश्ती टीम ने अंडर-17 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया है. भारतीय टीम ने 5 स्वर्ण, 3 रजत और 2 कांस्य सहित कुल 10 पदकों के साथ चैंपियन ट्रॉफी हासिल की. चीन दूसरे और जापान तीसरे स्थान पर रहा.
त्रिपुरा पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल करने वाला तीसरा राज्य बना
त्रिपुरा, पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल करने वाला भारत का तीसरा राज्य बन गया है. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, मिजोरम और गोवा के बाद त्रिपुरा यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का चौथा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है. देश में कार्यात्मक साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने 2022 में उल्लास योजना शुरू की थी. उल्लास तहत, कोई राज्य कार्यात्मक रूप से साक्षर माना जाएगा यदि उसकी 94% आबादी साक्षर हो.
कनिष्क विमान बम विस्फोट की 40वीं बरसी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 23 जून 2025 को एयर इंडिया फ्लाइट 182 (कनिष्क) बम विस्फोट की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयरलैंड के कॉर्क एक स्मारक सेवा में भाग लिया. कनिष्क विमान, 23 जून 1985 को मॉन्ट्रियल, कनाडा से लंदन और दिल्ली होते हुए मुंबई के लिए उड़ा था. इस विमान में, आयरलैंड के पास अटलांटिक महासागर में विस्फोट हो गया था जिसमें सभी 329 लोग मारे गए थे. यह बम, कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा लगाया गया था.
5वां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स राजस्थान में आयोजित किया जाएगा
5वां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स नवंबर 2025 में राजस्थान में आयोजित किया जाएगा. राजस्थान पहली इसकी मेजबानी करेगा. इन खेलों की मेज़बानी राजस्थान विश्वविद्यालय और पूर्णिमा विश्वविद्यालय द्वारा राज्य की राजधानी जयपुर में की जाएगी.
भारत ने एशियाई स्क्वाश डबल्स चैंपियनशिप के सभी खिताब जीते
दूसरी एशियाई स्क्वाश डबल्स चैंपियनशिप मलेशिया के कुआलालंपुर में 26 जून को संपन्न हुआ. भारत ने इस प्रतियोगिता में पुरुष, महिला और मिक्स्ड डबल्स स्पर्धा के सभी तीनों खिताब जीतकर क्लीन स्वीप किया. पुरुष डबल्स में अभय सिंह और वेलवन सेंदिल कुमार की जोड़ी ने पाकिस्तान की जोड़ी को हराया. महिला डबल्स में जोशना चिनप्पा और अनाहत सिंह की जोड़ी ने मलेशिया की जोड़ी को फाइनल में हराया. वहीं, मिक्स्ड डबल्स में अभय और अनाहत की जोड़ी ने मलेशिया की जोड़ी पर जीत दर्ज की.