इसाइयों के सर्वोच्च पादरी पोप फ्रांसिस का निधन, जानिए कैसे होता है नए पोप का चुनाव
- इसाइयों के सर्वोच्च पादरी पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
- अर्जेंटीना के कार्डिनल बर्गोग्लियो को 2013 में पोप चुना गया था. उन्होंने पोप फ्रांसिस का नाम अपना लिया था.
- पोप फ्रांसिस रोमन कैथोलिकों के नेता के रूप में चुने जाने वाले पहले लैटिन अमेरिकी कार्डिनल थे.
- पोप फ्रांसिस से पहले, सीरिया में जन्मे ग्रेगरी III (741 ईस्वी में मृत्यु) पोप के रूप में चुने जाने वाले अंतिम गैर-यूरोपीय थे.
- पोप फ्रांसिस को सेंट मैरी मेजर के बेसिलिका में दफनाया गया. वे एक सदी से भी अधिक समय में वेटिकन के बाहर दफन होने वाले पहले पोप हैं.
- बेसिलिका एक तरह का चर्च होता है जिसे रोमन कैथोलिक चर्च, विशेष रूप से वेटिकन द्वारा विशेष महत्व और विशेषाधिकार दिए गए हैं.
पोप क्या होता है?
रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्म गुरु, रोम के बिशप एवं वैटिकन के राज्याध्यक्ष को पोप कहते हैं. सेंट पीटर, जो ईसा मसीह के 12 शिष्यों में से एक थे, को रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा पहला पोप माना जाता है.
नए पोप का चुनाव: एक दृष्टि
- कार्डिनल्स कॉलेज नए पोप का चुनाव करेगा. इस कॉलेज में कैथोलिक चर्च के सबसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं. कार्डिनल्स कॉलेज के सदस्यों को पोप द्वारा नियुक्त किया जाता है.
- 80 वर्ष से अधिक आयु के सदस्य नए कार्डिनल के चुनाव में मतदान करने के पात्र नहीं होते हैं. वर्तमान में, कार्डिनल्स कॉलेज में 252 कार्डिनल शामिल हैं जिनमें से 138 नए पोप के लिए मतदान करने के पात्र हैं.
- मतदान के प्रत्येक दौर के बाद, मतपत्र जला दिए जाते हैं. यदि इससे काला धुआँ निकलता है, तो पोप नहीं चुना जाता है. यदि सफेद धुआँ निकलता है, तो यह नए पोप के चुनाव का संकेत देता है.