ओम बिड़ला 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सांसद ओम बिरला को ध्वनि मत से 18वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया. वह सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार थे. वह लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने वाले 17वें व्यक्ति हैं. ओम बिड़ला 17वीं लोकसभा में भी स्पीकर थे.

मुख्य बिन्दु

  • तीन बार लोकसभा सदस्य रहे ओम बिड़ला 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में राजस्थान के कोटा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए हैं.
  • वह दो बार लोकसभा अध्यक्ष का पद संभालने वाले पांचवें व्यक्ति हैं. वह 2019 में 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष बने और दूसरी बार 18वीं लोकसभा अध्यक्ष के रूप में फिर से चुने गए हैं.

लोकसभा का अध्यक्ष: एक दृष्टि

  • संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार, लोकसभा के सदस्यों को सदन के सदस्यों में से एक को अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चुनाव करना होता है.
  • अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव साधारण बहुमत से किया जाता है. साधारण बहुमत का अर्थ है मतदान के समय सदन में उपस्थित सदस्यों का बहुमत. अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के पद के लिए किसी शपथ का प्रावधान नहीं है.
  • गणेश वासुदेव मावलंकर लोकसभा के पहले अध्यक्ष थे. पाँच व्यक्ति दो बार लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं: डॉ. नीलम संजीव रेड्डी, गुरदयाल सिंह ढिल्लों, बलराम जाखड़, जी.एम.सी बालयोगी और ओम बिड़ला.
  • अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से चुने जाने वाले पहले व्यक्ति मदाभुषि अनंतशयनम अयंगर थे. पूर्णो संगमा लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने वाले पहले विपक्षी दल के उम्मीदवार थे.
  • कांग्रेस के मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला हैं. अध्यक्ष के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल 9 वर्षों का बलराम जाखड़ का रहा है.

आम सहमति से चुने जाने की परंपरा

  • परंपरा के अनुसार, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच आम सहमति से चुना जाता है. लेकिन इस बार विपक्ष ने कांग्रेस पार्टी के के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया था.
  • यह तीसरी बार है जब लोकसभा अध्यक्ष चुनने के लिए लोकसभा में चुनाव हुआ है. लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए पहली बार चुनाव 1952 में पहले लोकसभा अध्यक्ष को चुनने के लिए हुआ था. सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार गणेश वासुदेव मावलंकर ने विपक्षी उम्मीदवार शांताराम मोरे को 55 के मुकाबले 394 वोटों से हराया.
  • दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला 1967 में चौथी लोकसभा के दौरान हुआ. सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी ने विपक्षी उम्मीदवार टेनेटी विश्वनाथन को हराया.
  • तीसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव 1977 में पांचवीं लोकसभा के दौरान हुआ. बलिराम भगत ने जगन्नाथ राव जोशी को हराया.