भारत ने एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रएम-II का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

भारत ने ने 28 मई 2024 को एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रएम-II का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. यह परीक्षण रक्षा और अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के तट के पास से भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमके-I लड़ाकू विमान से किया था. स्वदेशी रूप से विकसित रुद्रएम-II, रुद्रएम-I मिसाइल का नवीनतम और उन्नत संस्करण है.

मुख्य बिन्दु

  • रुद्रएम-II मिसाइल हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. इसका उपयोग लड़ाकू विमान द्वारा किया जा सकता है.
  • इसे दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें रडार, रेडियो फ़्रीक्वेंसी संपत्ति और अन्य संचार उपकरण शामिल हैं.
  • यह मिसाइल एक ठोस चालित सुपरसोनिक मिसाइल है. यह 200 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकती है और 6,791 किमी/घंटा (मैक 5.5) की अधिकतम गति प्राप्त कर सकती है.
  • इस मिसाइल को 3 से 15 किमी की ऊंचाई से प्रक्षेपित किया जा सकता है और इसकी मारक क्षमता 350 किमी है.
  • इस मिसाइल की खास बात ही की इसे दागे जाने से पहले शत्रु के ठीकानों को मिसाइल की प्रक्षेपण प्रणाली में पहले से ही डाल दिया जाता है और फिर मिसाइल के प्रक्षेपित होने पर इसकी आंतरिक मार्गदर्शन प्रणाली इसे पहले से चिह्नित दुश्मन के ठीकानों तक ले जाती और उसे नष्ट कर देती है.
  • रुद्रएम-II, रुद्रएम-I का उन्नत वर्ज़न है. रुद्रएम-I मिसाइल की रेंज 100-150 किमी, अधिकतम गति मैक 2 (ध्वनि की गति से दो गुना) है. रुद्रएम-I मिसाइल को 1 किमी से 15 किमी की ऊंचाई से प्रक्षेपित किया जा सकता है.
  • रूद्रएम-II रूसी KH-31AS और KH-31PS मिसाइल की जगह लेगा. भारत ने वर्ष 2001 में रूस से इसकी खरीद की थी.
  • रक्षा और अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ), केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के तहत प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास निकाय है. यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए अत्याधुनिक रक्षा तकनीक विकसित करता है.