निजी तौर पर निर्मित देश के दूसरे रॉकेट ‘अग्निबाण SOrTeD’ का प्रक्षेपण किया गया

भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में 29 मई को इतिहास रच दिया. निजी तौर पर निर्मित देश के दूसरे अंतरिक्ष रॉकेट का निजी लॉन्चपैड ‘धनुष’ से प्रक्षेपण किया गया. चेन्नई की अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने श्रीहरिकोटा से सिंगल स्टेज टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर ​रॉकेट ‘अग्निबाण SOrTeD’ का सफल प्रक्षेपण किया.

मुख्य बिन्दु

  • यह ऐसा पहला प्रक्षेपण था जिसमें गैस एवं तरल यानी दोनों प्रकार के ईंधन का इस्तेमाल किया गया. SOrTeD में दुनिया के पहले सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया है. इसका डिजाइन स्वदेशी तौर पर तैयार किया गया और इसे देश में ही बनाया गया है.
  • इस प्रक्षेपण को ऐतिहासिक इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अब तक ऐसे सेमी-क्रायोजेनिक इंजन को सफलतापूर्वक नहीं उड़ाया नहीं है, जिसमें प्रोपेलर के तौर पर तरल एवं गैस दोनों प्रकार के ईंधन का उपयोग किया जाता है.
  • ‘अग्निबाण SOrTeD’ को अग्निकुल द्वारा स्थापित भारत के पहले निजी लॉन्च पैड ‘धनुष’ से प्रक्षेपित किया गया है.
  • अग्निकुल अंतरिक्ष में अपना रॉकेट प्रक्षेपित करने वाली दूसरी भारतीय निजी कंपनी बन गई है. रॉकेट प्रक्षेपित करने वाली पहली निजी कंपनी हैदराबाद स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस थी. इसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) श्रीहरिकोटा लॉन्चपैड से अपना स्वदेशी रूप से विकसित ‘विक्रम-एस’ रॉकेट को अक्टूबर 2022 में प्रक्षेपित किया था.
  • अग्निकुल के इस मिशन का मुख्य उद्देश्य एक परीक्षण उड़ान के रूप में काम करना, देसी तकनीकों का प्रदर्शन करना, महत्त्वपूर्ण उड़ान डेटा जुटाना और अग्निकुल के प्रक्षेपण यान अग्निबाण के लिए प्रणालियों का बेहतर कामकाज सुनिश्चित करना है.
  • अग्निबाण रॉकेट, दो चरण वाला प्रक्षेपण यान है जो करीब 300 किलोग्राम तक पेलोड को 700 किलोमीटर की ऊंचाई पर कक्षाओं में ले जा सकता है.
  • चेन्नई स्तिथ अग्निकुल कॉसमॉस की स्थापना 2017 में मोइन एसपीएम और श्रीनाथ रविचंद्रन ने आईआईटी मद्रास के सहयोग से की थी.